रायपुर। कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने बयान जारी कर कहा कि रमन सरकार में हुई आर्थिक गड़बड़ियों और पैसे की बंदरबांट के कारण जो कर्ज का बोझ हमें विरासत में मिला है, उसकी भरपाई अब भूपेश बघेल सरकार कर रही है. वर्तमान में चल रहे विधानसभा सत्र में भाजपा के द्वारा यह प्रश्न पूछा गया था कि राज्य सरकार के जनसम्पर्क विभाग द्वारा 1 जनवरी 2020 से 31 जनवरी 2021 तक प्रचार-प्रसार मद में कुल कितनी राशि व्यय की गई और उक्त राशि में प्रिन्ट मीडिया, इलेक्ट्राॅनिक मीडिया व अन्य प्रचार-प्रसार माध्यमों के लिए कितनी राशि व्यय की गई है.

विधानसभा में इस प्रश्न के लिखित जवाब में शासन की ओर से बताया गया कि उक्त अवधि में लगभग 172 करोड़ रूपए खर्च किए गए. सोशल मीडिया और दूसरे मंचों से यह प्रचारित किया जा रहा है कि कांग्रेस सरकार फिजूलखर्ची कर रही है. वास्तविकता यह है कि इस व्यय राशि में पिछली सरकार के नियम विरुद्ध और अपनों को उपकृत किए जाने के कारण विरासत में मिले हुए 200 करोड़ से अधिक के कर्ज का भुगतान भी शामिल है.

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रमन सरकार के वर्ष 2018-19 में, जो कि चुनावी वर्ष भी था, में प्रचार-प्रसार के लिए कुल 153 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान था. जिसे तत्कालीन राज्य सरकार ने नियमों को ताक में रख कर विधि विरुद्ध तरीके से भ्रष्टाचार करते हुए अपने प्रसार-प्रसार में 353 करोड़ 57 लाख रूपए खर्च कर दिए गए. यह राशि आबंटित राशि से 200 करोड़ 57 लाख रूपए अधिक थी. पिछले दो वर्षों से भूपेश बघेल सरकार इस बड़ी राशि का पुराना क़र्ज़ चुका रही है. इसलिए व्यय की राशि अधिक दिख रही है. अभी भी 100 करोड़ से अधिक पुरानी राशि का भुगतान बाक़ी है. रमन सरकार में तो करोड़ों रु विधानसभा की आचार संहिता लागू होने के दिन तक जारी किए गए जो की पूर्णतः शासन की कार्यप्रणाली और नियमों के विरुद्ध है.

भूपेश बघेल की सरकार ने अपने जो भी विज्ञापन जारी किए हैं, वे तुलनात्मक रूप से बहुत ही मितव्ययी है. असल बात यह है कि कांग्रेस सरकार ने जितनी कुशलता के साथ स्थानीय मीडिया को अपने साथ जोड़ते हुए उसे भी न्याय देने का काम किया है, यह बात भाजपा के लोगों को हजम नहीं हो रही है. उन्हें इस बात का भी दर्द है कि छत्तीसगढ़ से बाहर के मीडिया के उनके पाले हुए लोगों को अब चारा पानी मिलना बंद हो गया है.