CG News : प्रदीप गुप्ता, कवर्धा. जिले के वनांचल गांव रेंगाखार जंगल स्थित माध्यमिक और हाईस्कूल में शुक्रवार दोपहर करीब 12.30 बजे माध्यमिक स्कूल की दो और हाई स्कूल की एक छात्रा अचानक चीखते हुए बेहोश हो गई. तीनों बालिका छात्रावास में रहने वाली हैं. इसके तुरंत बाद उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचाया गया. बताया जा रहा है कि तीनों छात्राएं रो रही थीं, हाथ-पैर कांप रहे थे, सिर पकड़ कर चिल्ला रही थीं. (कवर्धा में छात्राओं के बेहोश होने पर अधीक्षिका ने करवाया टोटका)

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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद डॉक्टर ने कुछ मिनट देखरेख की और स्थिति नहीं समझ पाने पर वहां से चले गए. बताया गया कि यह उनकी पहली पोस्टिंग है और ऐसी स्थिति से निपटने का कोई अनुभव नहीं. तब तक छात्रावास की अधीक्षिका राधिका खुसरे भी वहां पहुंच गईं. उन्होंने इसे भूत प्रेत का असर बताया और बैगा बुला लाईं. वह झाड़फूंक करने लगा. यह सिलसिला दो घंटे तक चला. बोड़ला बीएमओ डॉ. पुरुषोत्तम राजपूत ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए. वे जानकारी लेकर कार्रवाई करेंगे.

बीमार छात्राओं पर टोटके किए

अधीक्षिका ने वहां एक कथित बैगा को बुलावा लिया, जो अस्पताल के एक कोने में बैठकर पहले टोटका करने लगा. इसके बाद बीमार छात्राओं पर झाड़फूंक करने लगा. चिल्लाती बिलखती छात्राओं के ऊपर टोटके किए. करीब दो घंटे तक यह चलता रहा. अस्पताल में करीब 2 घंटे तक टोटका चलता रहा. फिर भी छात्राओं की हालत जस की तस रही. इसका पता चलने पर अभिभावक रेंगाखार अस्पताल पहुंचे और अपनी बेटियों को लेकर घर लौट गए. स्कूल और छात्रावास में बार-बार हो रही इस तरह की घटना से अन्य छात्राओं में भय है.

अधीक्षिका ने कहा- यह भूत प्रेत का साया है

बीते 5 दिन में यह इस तरह की तीसरी घटना है. 15-16 नवंबर को भी 8-10 छात्राएं बेहोश हो चुकी हैं. तब भी अधीक्षिका ने कहा था कि भूत-प्रेत की बाधा है और सभी छात्राओं को घर भेज दिया था. स्कूल में भी 2-3 बार ऐसे मामले हो चुके हैं. अधीक्षिका राधिका खुसरे का दावा है कि ये भूत-प्रेत का साया है. वह झाड़फूंक जानती है. कई बार ऐसे मामले ठीक किए हैं.