प्रदीप गुप्ता, कवर्धा। जिले में धान का उठाव नहीं होने से नाराज 90 सहकारी समिति के प्रबंधक समेत 400 कर्मचारियों ने इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा के बाद से धान खरीदी केंद्रों में मुसीबतें बढ़ सकती है. शासन-प्रशासन और किसानों को परेशानी होने वाली है. जिले में 39 लाख क्विंटल से ज्यादा धान खरीदी हुई थी. अभी भी सभी 94 केंद्रों में धान रखा हुआ है. बारिश में धान भीग रहा है. लाखों रुपये का नुकसान होने के आसार हैं.

दरअसल, छत्तीसगढ़ में लाखों क्विंटल धान अभी उपार्जन और संग्रहन केंद्रों में जाम है. धान का उठाव नहीं होने से खुले में रखे धान खराब हो रहे हैं. धान खराब होने से सेवा सहकारी समितियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा रहा है. कई जिलों में  सहकारी समितियों में रखने के लिए जगह भी नहीं है. इसमें से कवर्धा जिले में भी भारी मात्रा में धान खराब हुआ है. इससे नाराज सहकारी समिति के कर्मचारियों ने इस्तीफा दे दिया है.

किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें

बता दें कि 90 सहकारी समिति के प्रबंधक समेत 400 कर्मचारियों के इस्तीफे से किसानों को परेशानी होगी. अभी खाद, बीज लेने का समय है. ऐसे में सहकारी समिति के प्रबंधक और कर्मचारियों के इस्तीफे ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. अब किसान खाद बीज लेने के लिए कहां जाएंगे, किसानों को बाजार से खरीदने में भारी नुकासान उठाना पड़ेगा.

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