सत्यपाल राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ में कार्यरत अनुबंधित डॉक्टर्स ने अपनी मांगों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने बॉन्ड कम करने मामले में कार्रवाई नहीं होने पर इस्तीफा देने की चेतावनी दी. 6 सूत्रीय मांगों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन सौंपा. उन्होंने कहा कि बढ़े वेतन पर रोक लगा दी गई है. अनुबंधित चिकित्सक ऐसे में इस्तीफा दे देंगे.

अनुबंधित डॉक्टर्स ने सिंहदेव से की मुलाकात

दऱअसल, 2017-18 में प्रवेशित पीजी छात्र-छात्राएं जो कि वर्ष 2020 में बॉन्ड सेवा में सम्मिलित हुए हैं, जो शासकीय सेवाएं दे रहे हैं. वे अपनी मांगों को लेकर सरकार और स्वास्थ्य विभाग को चेतावनी दे रहे हैं.

ये हैं उनकी मांगें

  • 2017/18 में हमसे प्रवेश के समय पर बॉन्ड भरवाया गया था, तो उसमें किसी भी तरह का वेतनमान के उल्लेख नहीं किया गया था. हम मान कर चल रहे थे कि समान योग्यता और कार्य के समक्ष वेतन का निर्धारण किया जाएगा जबकि ऐसा नहीं हुआ.
  • जबकि हमारी बॉन्ड पोस्टिंग आदेश में उल्लेखित वेतन के अनुसार की गई है, जोकि 2017 में सरकार द्वारा निर्धारित किया गया था. सामान्य योग्यता और पद से काफी कम है और विगत 5 वर्षों से किसी भी तरह से वेतन वृद्धि नहींं की गई है.
  •  5 माह पूर्व सरकार और कॉलेज समिति द्वारा संविदा चिकित्सक रायपुर के वेतन में वृद्धि की गई थी, जिससे हमें भी बढ़ा हुआ वेतन दिया जा रहा था.
  • एक आकस्मिक आदेश के तहत रोक लगा दिया गया है. पूर्व में दिए गए वेतन से बढ़े हुए मानदेय की वसूली की जाएगी. ऐसा आदेशित है.
  • जब भी महाविद्याल में NMC/MCI निरंक्षण का दौरा होता है. तब बोंडेड चिकित्सकों को भी संविदा चिकित्सकों के पद में दिखते हुए महाविद्याल की मान्यता प्राप्त की जाती है.
  • पिछले डेढ़ वर्ष से इस महामारी के दौर में हम संविदा चिकित्सक संक्रमित होने के बावजूद भी बिना रुके निरंतर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. किसी प्रोत्साहन राशि और अवकाश के आभाव में ऐसी स्थिति में देश के अन्य राज्यों में कई तरह के मानदेय और बॉन्ड में छूट का प्रावधान दिया जा रहा है. जबकि हमारे राज्य में इस तरह का कोई प्रोत्साहन तो दूर इस तरह के हृदय विदारक आदेश जारी किए गए हैं.
  • Corona महामारी को देखते हुए आपने पूर्व में संज्ञान में लेते हुए बॉन्ड की अवधि में 1 वर्ष की कटौती को जाएगी. ऐसा आश्वासन दिए थे. साथ ही यह भी आश्वाशन था कि पूर्ण चिकित्सा अध्ययन अवधि में एक बार ही बॉन्ड करना पड़ेगा. आज की स्थिति में कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

यह पूरी तरह से हम चिकित्सकों के मनोबल को तोड़ने वाला है. अगर इस महामारी के दौर में हमे उपेक्षित रखा गया तो हम पूरे राज्य में कार्यरत अनुबंधित चिकित्सक इस्तीफा दे देंगे.