दिलशाद अहमद, सूरजपुर. प्रतापपुर में लगभग 15 दिन पहले मिले हाथी के शव से गायब दांत वन विभाग के गले का फांस बना हुआ था. आखिरकार वन अमले ने हाथी दांत बरामद कर लिया और तीन आरोपियों को हिरासत में लेकर कार्रवाई में जुटी हुई है.

सूरजपुर का प्रतापपुर वन परिक्षेत्र जहां पिछले दो दशक से लगभग 50 से ज्यादा हाथी अलग-अलग दलों में विचरण कर रहे हैं. ऐसे में हाथियों की मौत भी वन विभाग के लिए परेशानी का सबब बना रहता है. जहां 11 जून को प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के दरहोरा जंगल मे एक नर दंतैल हाथी का शव सड़े गले हालत में मिला था. उस हाथी का दांत गायब था. ऐसे में वन विभाग पर हाथियो की निगरानी को लेकर सवाल खड़े हो रहे थे तो वहीं हाथी के गायब दांत को तस्करों से जोड़कर देखा जा रहा था. जहां वन विभाग के कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे थे. वन विभाग का अमला हाथी दांत गायब करने वाले आरोपियों तक पहुंचने के लिए दिन रात एक किए हुए थे.

हाथी के सड़े गले हालत में शव मिलने और हाथी दांत गायब होने के मामले में प्रदेश सरकार भी गंभीर था. ऐसे में जिले के डीएफओ, रेंजर समेत चार अधिकारियों को लापरवाही के आरोप में तबादला कर दिया गया और एक वनपाल को निलंबित कर दिया गया था. ऐसे में कार्रवाई होने के बाद भी अधिकारियों ने हिम्मत नहीं हारी और हाथी दांत को बरामद कर तीन आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और तीनों के खिलाफ कार्रवाई में जुटी हुई है.

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जहां सरगुजा सीसीएफ ने बताया कि आरोपी जंगल मे जड़ी बूटी बीनने गए हुए थे, जहां मृत हाथी को देख पैसों की लालच में हाथी के दांत काट कर ले गए थे और घर मे छिपाकर रखे हुए थे. फिलहाल तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर कार्रवाई की जा रही है. बहरहाल जिले के वन विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई के बाद हाथी दांत बरामद करने की चुनौती को वन विभाग ने बखूबी निभाते हुए अपने कार्यशैली की छबि को सुधारने की भरसक कोशिश नजर आ रही है.