अंबिकापुर। जिला अधिवक्ता संघ, सरगुजा (अंबिकापुर) की संघर्ष समिति द्वारा लिए गए सर्वसम्मत निर्णय के अनुसार शुक्रवार से संघ से पंजीकृत सभी अधिवक्ताओं ने अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है. अधिवक्ताओं की यह मांग है कि जिला न्यायालय का नया भवन वर्तमान स्थल पर ही निर्मित किया जाए. 

अधिवक्ताओं का कहना है कि यह न केवल न्यायिक दृष्टि से उचित होगा, बल्कि अंबिकापुर की जनता की सुविधा और भावना के भी अनुरूप है. संघ के आंदोलन को सरगुजा के विभिन्न सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक और शासकीय संगठनों से समर्थन मिला.

 आंदोलन स्थल पर पहुंचे कैबिनेट मंत्री राजेश अग्रवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, गुरु सिंह सभा अंबिकापुर, सर्व ब्राह्मण सभा सरगुजा, कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन और आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधियों ने मंच से अधिवक्ताओं की मांगों का पूर्ण समर्थन किया. उन्होंने कहा कि न्यायालय भवन को वर्तमान स्थल पर ही बनाना न्यायिक दृष्टि से उपयुक्त और जनभावना के अनुरूप निर्णय होगा. 

नेताओं और संगठनों के प्रतिनिधियों ने अधिवक्ताओं की एकता और अनुशासन की सराहना करते हुए कहा कि अधिवक्ता समाज के बौद्धिक मार्गदर्शक हैं. जब न्याय के प्रहरी सड़क पर उतरते हैं, तो यह संकेत होता है कि शासन-प्रशासन को अपनी नीति और निर्णयों पर पुनर्विचार करना चाहिए. रैली के बाद अधिवक्ताओं ने कलेक्टर सरगुजा से मुलाकात की. कलेक्टर ने बताया कि रविवार तक अतिक्रमण करने वाले कर्मचारी यदि स्वयं स्थान खाली नहीं करेंगे तो सोमवार से उनके खिलाफ बलपूर्वक कब्जा खाली कराने की कार्रवाई की जाएगी.

आंदोलन जनसुविधा के लिए कर रहे: अधिवक्ता

आंदोलन स्थल पर पूरे दिन एकता और अनुशासन का प्रभावशाली प्रदर्शन देखने को मिला. बड़ी संख्या में अधिवक्ता और नागरिक न्यायालय भवन वर्तमान स्थल पर ही बनेगा के नारों के साथ एकजुट रहे. अधिवक्ताओं ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन किसी व्यक्ति या संस्था के विरोध में नहीं, बल्कि जनसुविधा, पारदर्शिता और न्यायिक गरिमा की रक्षा के लिए है. संघ के अध्यक्ष अनिल सोनी ने कहा कि जिला न्यायालय का वर्तमान स्थान वर्षों से इसके लिए उपयुक्त सिद्ध हुआ है.

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