पुरूषोत्तम पात्रा, गरियाबंद। बस्तर व सरगुजा के तर्ज पर इस बार गरियाबंद जिले में भी मलेरिया मुक्त अभियान चलाया जा रहा है. अभियान के तहत चिन्हाकित गांव में टीम जाकर आरडी किट के जरिये मलेरिया जांच कर रही है. पॉजिटिव पाए जाने वालों को तत्काल दवा की पहली डोज मौके पर दिया जा रहा है. इसके बाद दवा संबंधित सब सेंटर से उपलब्ध कराया जा रहा है.

सीएमएचओ एन आर नवरत्न ने बताया कि मलेरिया मुक्त अभियान 28 जून से शुरू हुआ है जो 31 जुलाई तक चलेगी. विभाग के 600 कर्मी अफसर इस काम में लगे हुए हैं. 119 गांव में 1 लाख 19 हजार लोगों की जांच की जानी है. अब तक 46 हजार 110 लोगों की जांच हुई है. राहत की बात है कि इनमें केवल 99 लोग पॉजिटिव मिले हैं.

इस अभियान को पूरा करने पहुंचविहीन इलाके तक पहुंचने स्वास्थ्य अमला जी तोड़ मेहनत कर रही है. पहाड़ की सीधी चढ़ाई हो या नदी नालों में पानी के बहाव भी टीम के जज्बे को रोक नहीं पा रही है.

चिन्हांकित गांव में 2 फीसदी लोग ग्रसित थे

जिले में 671 गांव है. अभियान में उन गांव को शामिल किया गया है, जहां साल भर में 2 फीसदी लोग मलेरिया से ग्रसित मिले थे. वार्षिक परजीवी सूचकांक के आधार पर सर्वाधिक मलेरिया ग्रसित 84 गांव मैनपुर ब्लॉक में मिले. गरियाबन्द ब्लॉक में 73, छुरा में 13 तो देवभोग में इसकी संख्या केवल 9 थी. फिंगेश्वर ब्लॉक मलेरिया मुक्त ब्लॉक की श्रेणी में है.

बरसाती बाधा नहीं रोक सकेगी कॉम्बेक टीम को

मलेरिया मुक्त अभियान कोरोना के चलते बाधित था. चयनित ग्रामों में मैनपुर व गरियाबन्द में 32 गांव ऐसे है जहां नदी नाले व पहाड़ों की कठिनाई भरी चढ़ाई कर स्वास्थ्य दल को जाना होगा. अंतिम जुलाई तक अभियान को पूरा कराने का टास्क भी है. भरी बरसात में आवाजाही बाधित हो सकेगी,  इन्ही सभी बातों को ध्यान में रखते हुए पहुंचविहीन गांव तक जाने प्रशिक्षित वर्करों का दल बनाया गया है, जिसकी मॉनिटरिंग वहां के बीएमओ करेंगे. सीएमएचओ व महामारी विभाग के अफसर टीम को नियंत्रित करने के अलावा हर वो सुविधा मुहैया करवाएंगें जिसकी आवश्यकता होगी.

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