रायपुर. छत्तीसगढ़ में एग्री स्टैक पोर्टल में तकनीकी दिक्कतों के चलते किसानों के पंजीयन कराने की गति धीमी है. राज्य में अब तक 13 लाख 15 हजार से कुछ अधिक किसान ही एग्री स्टैक पोर्टल में पंजीयन करा पाए हैं. जबकि 57 हजार से ज्यादा किसान ऐसे हैं जिनका पंजीयन एग्री स्टैक पोर्टल में अनुपलब्ध है. इनमें भी लगभग साढ़े 3 लाख किसान ऐसे हैं, जो पंजीयन हो चुके हैं, लेकिन उनका खसरा कहीं मेल नहीं खा रहा है. इसके चलते फील्ड में विभागीय अमले को भी जूझना पड़ रहा है. इसके बावजूद औसत तौर पर नजर डालें तो बीते साल की तुलना में अब तक 50 फीसदी ही किसान पंजीयन करा पाए हैं, इनमें भी कई किसानों के खसरा मेल नहीं खाते हैं.

धान खरीदी से पहले पंजीयन के लिए इस बार किसानों को भारी दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है. प्रदेश में अब तक कुल 13 लाख 73 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है. इनमें से एग्री स्टैक पोर्टल में पंजीयन कराने वाले किसानों की तादाद 13 लाख 15 हजार से कुछ अधिक हैं. हालांकि अभी पंजीयन के लिए अक्टूबर माह का तक का समय बाकी है. माना जा रहा है कि इस अवधि तक पंजीकृत किसानों की तादाद में बढ़ोतरी होगी. अब तक 9 लाख 66 हजार किसानों पंजीयन हो चुका है, उनके खसरे का भी मिलान हो चुका है. साढ़े तीन लाख खसरा मेल नहीं खाने की स्थिति में ऐसे किसानों को फिर दस्तावेजी झंझावतों से गुजरना पड़ सकता है. इधर बालोद, बेमेतरा और बलौदा बाजार जिले ही ऐसे हैं जहां एग्री स्टैक पोर्टल में पंजीयन कराने वाले किसानों की तादाद एक लाख पार कर गई है. हालांकि इन जिलों में भी हजारों किसान ऐसे हैं, जिनका खसरा मेल नहीं खा रहा है. जबकि जांजगीर चांपा जिले में 74 हजार 172 किसानों ने एग्री स्टैक पोर्टल में पंजीयन कराया है लेकिन इनमें से 30 हजार से अधिक किसानों का खसरा मेल नहीं खा रहा है. इसी तरह की स्थिति अन्य जिलों में भी है. विभाग का दावा है कि यह आंकड़ा रोज बदल रहा है. आने वाले समय में अधिक से अधिक किसान पंजीयन करा लेंगे.
बीते साल 25 लाख से ज्यादा किसान थे
बीते साल 2024-25 में पंजीकृत 25 लाख 49 हजार से ज्यादा किसानों ने अपना धान समर्थन मूल्य में बेचा था. एग्री स्टैक और एकीकृत पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक 17 सितंबर तक की अवधि में 15 हजार 419 किसान ऐसे हैं जिन्होंने अपना एग्री स्टैक में पंजीयन नहीं कराया है. जाहिर है इन किसानों को तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसी तरह लाखों किसानों के पंजीयन को लेकर अभी भी तसवीर साफ नहीं हो पाई है.