रायपुर। छत्तीसगढ़ में इन दिनों लेमरू एलिफेंट रिजर्व प्रोजेक्ट को लेकर नेता मंत्रियों के अलग-अलग बयान आ रहे हैं. लेमरू एलिफेंट रिजर्व प्रोजेक्ट को लेकर मंत्री, सांसद और विधायक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिख चुके हैं. इन पत्रों में कोई क्षेत्र बढ़ाने की मांग कर रहा है, तो कोई घटाने की अपील कर रहा है. इसी बीच कांग्रेस विधायक लालजीत राठिया समेत अब तक 7 कांग्रेसी विधायकों ने अपनी-अपनी मांग को लेकर पत्र लिख चुके हैं. इन मांगों पर अब कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने अजीबोगरीब बयान दिया है. मंत्री ने कहा कि हाथी पूरे छत्तीसगढ़ में विचरण करेंगे, तो क्या पूरे प्रदेश को अभयारण्य घोषित कर दें.

लेमरू प्रोजेक्ट पर सियासत जारी

दरअसल, धरमजयगढ़ विधायक लालजीत सिंह राठिया ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से रिजर्व क्षेत्र में कोई कमी नहीं करने की मांग की थी. इसके साथ मांड एवं हसदेव नदी के जलग्रहण क्षेत्र में कोयला खदान खोलने का विरोध करते हुए इसे वन संरक्षण रिजर्व घोषित करने की मांग की थी.

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पत्रकारों से चर्चा करते हुए कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि एक विधायक की राय से इतना बड़ा प्रोजेक्ट नहीं बनाया जा सकता. हाथियों को नहीं मालूम कौन विधयाक क्या बोलता है. हाथी पूरे प्रदेश में विचरन कर रहे हैं तो क्या पूरे प्रदेश को अभ्यारण घोषित कर दें. ऐसा नहीं किया जा सकता, इसलिए समग्र विचार की जरूरत है.

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लेमरू एलिफेंट रिजर्व प्रोजेक्ट के मुद्दे को लेकर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सीएम भूपेश बघेल को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि मैंने कभी कैबिनेट में लेमरू का एरिया कम करने को नहीं कहा है. ”न लिखित न मौखिक”. सिंहदेव ने कहा कि मैंने 1995.48 वर्ग किमी की सहमति जताई थी. इसलिए 1995.48 वर्ग किमी ही सरकार प्रोजेक्ट को बनाए. साथ ही उन्होंने ‘नो गो एरिया’ बहाल करने की मांग की थी.

इस पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने तीन दिन पहले कहा था कि लेमरू के क्षेत्रफल को लेकर फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में होगा. अकबर ने कहा कि इससे पहले कैबिनेट में लेमरू का प्रेजेंटेशन हुआ था, जिसमें कुल क्षेत्रफल 1995.48 वर्ग किलोमीटर करने का प्रस्ताव था, लेकिन नोटिफिकेशन नहीं हुआ था.

लेमरू एलिफेंट रिजर्व प्रोजेक्ट पर लोकसभा ज्योत्सना महंत ने कहा कि हाथियों के बढ़ते आतंक के कारण प्रोजेक्ट के क्षेत्रफल को बढ़ाया जाए. जबकि हैरान करने वाली बात ये है कि कांग्रेस की सरकार में कांग्रेस के 7 विधायकों ने लेमरू प्रोजेक्ट पर रोक लगाने सीएम भूपेश बघेल को पत्र लिखा है. इससे छत्तीसगढ़ की राजनीति पारा हाई होती दिख रही है.

क्या है लेमरू प्रोजेक्ट

लेमरू प्रोजेक्ट में एक कॉरिडोर होगा, जिसमे हाथी रहेंगे. वन विभाग इनकी निगरानी के लिए अलग से अधिकारी और कर्मचारियों की नियुक्त करेगा, जो हाथी की प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखेंगे. वन विभाग के इस काॅारिडोर में लेमरू जंगल का सबसे अधिक क्षेत्र आएगा, जो जनसंख्या बाहुल्य नहीं है.

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