अरविंद मिश्रा,बलौदाबाजार। भाटापारा पुलिस ने एक प्राइवेट कंपनी में हुए 25 लाख रुपए की चोरी मामले का खुलासा कर दिया है. पुलिस ने चोरी में संलिप्त सभी 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि आरोपियों के पास से चोरी की गई 28 लाख 25 हजार 300 रुपए बरामद हुआ है. यानी कंपनी को खुद नहीं पता कि कितने लाख की चोरी हुई है. बताया जा रहा है कि यह पैसा सरकारी शराब दुकानों का है.

भाटापारा एसडीओपी के बी द्विवेदी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि 3 मई को सीएमएस इन्फोसिस्टम छत्तीसगढ़ नामक प्रायवेट कंपनी में रुपयों से भरा बैग चोरी हो गया था. जिसमें करीब 25 लाख रुपए था. 8 मई को भाटापारा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. सीसीटीवी फुटेज और पूछताछ के आधार पर सभी 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिसमें एक अपचारी बालक भी शामिल है.

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पूर्व कर्मचारी निकला चोरी का मास्टरमाइंड

चोरी का मास्टरमाइंड कंपनी का पूर्व कर्मचारी मनोज देवांगन है. उसने डुप्लीकेट चाबी के जरिए अपने 8 साथियों के साथ लॉकडाउन में ताला खोलकर रकम से भरा बैग चोरी कर लिया था. आरोपियों के पास से 28 लाख 25 हजार 300 रुपए बरामद किया है.

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सरकारी शराब दुकानों का था पैसा

बताया यह भी जा रहा है कि इस कंपनी में बलौदाबाजार क्षेत्र के शराब भट्ठियों का पैसा जमा होता है. जबकि सरकारी शराब दुकानों का पैसा बैंक में जमा करना होता है. बावजूद इसके किसी निजी कंपनी में शराब की ब्रिकी का पैसा क्यों रखा गया था ? समय रहते पैसे को बैंक में जमा क्यों नहीं कराया गया ? निजी कंपनी को यह भी जानकारी भी नहीं है कि उसके पास कितना पैसा रखा हुआ था. क्योंकि चोरी और बरामदगी की रकम में भारी अंतर है.

उठ रहे सवाल

बड़ा सवाल यह है कि इतनी बड़ी रकम लॉकडाउन के समय कंपनी के ऑफिस में क्यों रखी गई थी ? इसे बैंक में क्यों जमा नहीं किया गया था ? पुलिस ने रकम बरामद की है, लेकिन इससे संबंधित रसीद के बारे में जब्ती का कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं किया गया ?

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