रायपुर/बिलासपुर. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने डिब्बाबंद गोमांस बिक्री से जुड़े एक मामले में सहआरोपित रविनपाल अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके खिलाफ चल रही कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी है. मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति बी.डी. गुरु की युगल पीठ ने इस मामले में शासन व अन्य प्रतिवादियों से जवाब मांगा है. बचाव पक्ष ने दलील दी कि, अग्रवाल का गोमांस बिक्री से कोई संबंध नहीं है, वे केवल जिम और स्पोर्ट्स उपकरणों का कारोबार करते हैं. उन्होंने कहा कि अग्रवाल की दुकान से डिब्बाबंद बीफ बेचने का कोई प्रमाण नहीं है और न उन्होंने ऐसा प्रचार-प्रसार किया. अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि विवादित दुकान उन्हीं की है और वहीं से डिब्बाबंद बीफ बेचा गया. अदालत ने शासन से दो सप्ताह में जवाब तलब करते हुए कार्रवाई स्थगित कर दी है.

रायपुर के तेलीबांधा थाना क्षेत्र के ईश्वरी प्लाजा स्थित बेसमेंट में 30 जनवरी 2025 को संचालित नार्थ ईस्ट फूड दुकान और नार्थ ईस्ट किचन रेस्त्रां में गो-सेवकों ने पुलिस को डिब्बाबंद बीफ बिकने की सूचना दी थी. पुलिस ने मौके पर छापामार कार्रवाई कर दुकान संचालिका रूबी वनलारेग और सहआरोपित रविनपाल अग्रवाल को गिरफ्तार किया. पुलिस ने उनके खिलाफ छत्तीसगढ़ कृषि मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2004 की धारा 5, 10 सहित अन्य धाराओं में अपराध दर्ज कर जेल भेजा था. सुनवाई के दौरान युगल पीठ ने सवाल पूछा कि, क्या डिब्बाबंद गोमांस की बिक्री छत्तीसगढ़ कृषि मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2004 के प्रावधानों के तहत अपराध है या नहीं.