सत्या राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर तेजी से बरप रहा है. ऐसे में जो लोग जिंदा बचे हैं, उन पर प्राइवेट हॉस्पिटल अपना कहर बरपा रहे हैं. इन अस्पतालों की करतूत इतनी शर्मनाक है कि मरे इंसान का भी बेतहाशा बिल बनाकर सौदा कर रहे हैं, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि प्रशासन आंख मूंद कर बैठा है. कोरोना मरीज और उनके परिजन प्राइवेट अस्पतालों की कहर से तड़प रहे हैं. हाल ही में राजधानी रायपुर के बांठिया हॉस्पिटल का कारनामा सामने आया है. ये हॉस्पिटल कोरोना मरीज के परिजनों से लाखों रुपए ऐठें हैं. इतना ही नहीं ये अस्पताल सरकारी फरमानों को खुलेआम रौंद रहा है, लेकिन कोई देखने वाला नहीं है.

बांठिया हॉस्पिटल कोरोना मरीजों से कर रहा लूट

दरअसल, प्राइवेट हॉस्पिटल्स को फिर बदनाम करने वाला शर्मानाक मामला सामने आया है. ये मामला कहीं और का नहीं है, बल्कि राजधानी रायपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल का ही है. जहां कोवि़ड-19 मरीजों की सांसों का सौदा चल रहा है. शासन-प्रशासन द्वारा इलाज के लिए निर्धारित दर से कोई मतलब नहीं है, हद तो तब हो गई है, जब एक मरीज को एक साथ ICU और वेंटिलेटर का बिल 5 लाख 10 हजार का बिल लिया गया है. मरीज की मौत हो गई है. ऐसे परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई की गुहार लगाई है.

मरीजों की सांसों का शर्मनाक सौदा

मरीज के परिजन ने कहा कि अपने ससुर को तो नहीं बचा पाएं 13 दिन तक बांठिया हॉस्पिटल राजातालाब रायपुर में भर्ती थे. 5 लाख 10 हजार रुपये लिया गया है. एक मरीज का जिस दिन का ICU का बिल बना है, उसी दिन का वेंटिलेटर का बिल बनाया गया है. 20 हजार वेंटिलेटर और 15 हजार ICU का लिया गया है.

कोरे कागज में बिल

मरीज के परिजन ने बताया कि भर्ती से पहले एक लाख रुपये जमा कराया गया.  हर दिन पचास हजार लेते थे, सिर्फ नगदी में रकम लिया जाता था. को ई ट्रांजेक्शऩ नहीं लेते, जो बिल दिया गया है, कोरे कागज में कोई जीएसटी नंबर टीन नंबर नहीं है.

देखें वीडियो-

बांठिया अस्पताल रायपुर में 5 लाख से अधिक का बिल 5 दिन में लिया गया और मरीज का देखरेख शून्य!, अंततः एक अच्छा व्यक्ति आज…

Posted by Er Prashant Mahto on Sunday, 2 May 2021

दूसरे के साथ ना हो इसलिए हो कार्रवाई

परिजनों ने कहा कि हम लोग अपने को तो खो दिया, बिल भी भर दिया है, लेकिन ऐसे हॉस्पिटल पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, जो शासन के नियम कानून को रौंद कर मरीजों को लूट रहे हैं, ताकि दूसरे मरीजों इनके शिकार न हो.

होगी कार्रवाई ?

जिला चिकित्सा अधिकारी मीरा बघेल ने कहा कि पहले नोटिस जारी कर तमाम दस्तावेज मांगा. साथ स्पष्टीकरण लिया जाएगा. जांच के बाद कठोर कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि जो बिल है नियम के खिलाफ है.

क्या  लूट के इस काले कारोबार में प्रशासन भी शामिल है ?

बता दें कि राजधानी रायपुर में अब तक प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के नाम पर लूट के कई केस आ चुके हैं, लेकिन कार्रवाई होती नहीं दिख रही है. इस अस्पताल पर स्वास्थ्य विभाग ने शिकायत के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि कहीं इस लूट के काले कारोबार में प्रशासन भी तो नहीं शामिल है, जो प्राइवेट अस्पतालों को लूट के लिए खुली छूट दे रखा है, जिससे ये अस्पताल लगातार सरकारी नियमों को रौंद रहे हैं.

बिंदुवार समझें काले कारोबार की कहानी

  • बांठिया हॉस्पिटल में इलाज के नाम पर लूट जारी
  • शासन द्वारा निर्धारित दर से ज़्यादा वसूल रहे हैं राशि
  • कोविड मरीज़ों का एक दिन में बना रहे 35 हज़ार तक का बिल
  • ICU और वेंटिलेटर का एक साथ बना बिल
  • बांठिया हॉस्पिटल में 13 दिन तक भर्ती मरीज़ का दस दिन का बना ICU का 12 दिन का बना वेंटिलेटर का बिल
  • मरीज़ के परिजनों को थमाया गया कोरे काग़ाज़ में पांच लाख तक का बिल
  • सिर्फ ले रहे नगद भुगातन ऑनलाइन ट्रांजेक्शन सख्त मनाही
  • मरीज के मौत के बाद परिजनों ने कहा- बिल कर दिए हैं भुगतान
  • ऐसे हॉस्पिटल पर कार्रवाई होना चाहिए, ताकि दूसरे मरीज को न लूट सकें
  • जिला चिकित्सा अधिकारी ने कहा होगी कार्रवाई
  • शासन के निर्धारित दर गमह के 10 हजार और आईसीयू के साथ वेंटिलेटर का 17 हजार है निर्धारित

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