जीतेन्द्र सिन्हा, गरियाबंद. छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में राजस्व विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने अवैध रेत उत्खनन पर बड़ी कार्रवाई की है. फिंगेश्वर के सूखे नदी में रात के अंधेर में धड़ल्ले से अवैध रेत उत्खनन किया जा रहा था, जहां प्रशासन की टीम ने पहुंचकर रेत माफियाओं के इरादों पर पानी फेर दिया है. कलेक्टर के निर्देश पर पहुंचे पुलिस और राजस्व के अधिकारियों को देखते ही रेत माफिया मौके से 2 चैन माउंटेन वहीं छोड़ कर रफु चक्कर हो गए, जिसे जब्त कर लिया गया है और मामले में आगे की कार्रवाई में जुट गई है. इस कार्रवाई से रेत माफियाओं में हड़कंप मच गया है.
वहीं गरियाबंद क्षेत्र के तर्रा, कुरुसकेरा, छिंदौला और चौबेबांधा खदानों से रेत का अवैध परिवहन अब भी बदस्तूर जारी है, जहां से रोजाना करीब 200 ट्रकों में रेत रायपुर, दुर्ग, महासमुंद और अन्य जिलों में भेजी जा रही है.
राजनीतिक संरक्षण में फल-फूल रहा अवैध खनन
सूत्रों के मुताबिक, इन खदानों से 10 चक्का हाईवा के लिए 7 हजार और 12 चक्का के लिए 9 हजार रुपये का भुगतान करना होता है. राजनीतिक संरक्षण के चलते खनन माफियाओं को बिना किसी कार्रवाई के रेत निकालने की गारंटी दी गई है. यहां पहले सील की गई चेन माउंटेन मशीनों को भी फिर से चालू कर दिया गया है, और 24 घंटे खनन कार्य जारी है.
सड़कों पर खुलेआम रेत भरे हाईवा
राजिम से रायपुर जाने वाली सड़कों पर दिनदहाड़े रेत से लदी हाईवा ट्रक खुलेआम देखे जा सकते हैं. प्रशासन द्वारा कुछ समय पहले आयातित ठेकेदारों पर की गई कार्रवाई के बाद अब लोकल सिंडिकेट ने इसका फायदा उठाते हुए अवैध रेत परिवहन को फिर से तेज कर दिया है. बताया जा रहा है कि राजनीतिक दबाव के कारण प्रशासन चिन्हित खदानों पर कार्रवाई करने में हिचकिचा रहा है.
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