बस्तर। छत्तीसगढ़ बीजेपी ने बस्तर में तीन दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ का आयोजन किया है. इस चिंतन शिविर में बीजेपी मिशन 2023 के लिए चिंतन कर रही है. चुनावी रणनीति पर मंथन कर रही है. इस शिविर में कई बड़े चेहरे शामिल हुए और कई बड़े चेहरे नदारद रहे. गायब चेहरों में पूर्व मंत्री भी शामिल हैं, जिससे सियासी गलियारे में कई तरह के चर्चे हैं, जबकि नेताओं में भी कहीं न कहीं इस बात की खटास होगी कि पार्टी कहीं दरकिनार तो नहीं रही है. ये सवाल लाजमी है, क्योंकि कई बड़े चेहरे चुनावी रणनीति से बाहर हैं.
छत्तीसगढ़ बीजेपी के कई नेता इस शिविर में हिस्सा नहीं ले सके. बस्तर में बीजेपी के चिंतन शिविर में इन चेहरों की गैरमौजूदगी कई सवालों को जन्म दे रही है, क्योंकि बीजेपी मिशन 2023 को लेकर एक्शन प्लान तैयार कर रही है. यहां कई बड़े नेताओं का जमावड़ा है. इसमें राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी, सह प्रभारी नितिन नबीन, पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय समेत सभी सांसद-विधायक मौजूद हैं.
ये बड़े चेहरे रहे शिविर से नदारद
चिंतन शिविर में BJP नेता गौरीशंकर अग्रवाल, अमर अग्रवाल, राजेश मूणत, सुभाष राव समेत कई नेता शामिल हैं. ये नेता बरसों से संगठन के कर्ताधर्ता रहे हैं, लेकिन उन्हें बुलावा नहीं भेजा गया. इन नेताओं को जैसे ही चिंतन शिविर में न्यौता नहीं मिलने की जानकारी लगी, तो नेताओं के खूब हाथ-पांव मारा, लेकिन नियम कायदे कहां काम आने वाले थे. नेताओं को बड़े नेताओं के पास से खाली हाथ ही लौटना पड़ा. मीटिंग में शामिल नहीं होने से इन दिग्गजों के मन में मलाल तो जरूर होगा, लेकिन डी. पुरंदेश्वरी के फरमान के सामने कहां टिकने वाला था.
बस्तर में चिंतन शिविर से पहले कई नेता स्थल चयन के लिए जगदलपुर गए थे. इसमें सुभाष राव और राजेश मूणत दोनों भी गए थे, जिन्होंने वहां चिंतन शिविर के लिए पूरी व्यवस्था भी की थी, लेकिन अचानाक चले सियासी फरमान से पूर्व मंत्रियों समेत कई चेहरे पल भर में मीटिंग की लिस्ट से गायब हो गए. सूची हाथ में आते ही नेताओं की सांसें फूलने लगी और सांस हलक पर आ गई, लेकिन एंट्री मुनासिब नहीं हुआ. चुनिंदा चेहरे के साथ बीजेपी मिशन 2023 के लिए रोड मैप तैयार कर रही है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चों का बाजार गर्म है.
क्या कहा रमन सिंह ने…?
इस बैठक में कई दिग्गजों के नहीं होने पर पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि संगठन के लिए सभी महत्वपूर्ण हैं. कुछ पैरामीटर तय किया गया होगा, जबकि उन्होंने ये नहीं कहा कि नेताओं को क्यों इस मीटिंग से दूर रखा गया है. जबकि ये नेता पार्टी के लिए लंबे समय से कर्ताधर्ता रहे हैं, लेकिन अचानाक से पार्टी मीटिंग से गायब कर देना, सियासी सवालों को पैदा कर रही है.
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