CG News: प्रतीक चौहान. रायपुर. भाजपा नेता कृष्ण बिहारी जायसवाल के बेटे कुणाल जायसवाल के खिलाफ बैकुंठपुर के चरचा थाने में एक महिला सर्किल फॉरेस्ट ऑफिसर ने शिकायत की. इस शिकायत के संबंध में लल्लूराम डॉट कॉम की शुक्रवार देर शाम बातचीत हुई. लेकिन शनिवार को उनसे बातचीत नहीं हो सकी और पुलिस के मुताबिक उन्होंने शिकायत वापस ले ली है और ये कहा है कि वे कार्रवाई नहीं चाहती है.
अब आपको बताते है कि ये पूरा माजरा क्या है, लेकिन इससे पहले आप ये जान ले कि कृष्ण बिहारी जायसवाल भाजपा के जिलाध्यक्ष है. महिला सर्किल फॉरेस्ट ऑफिसर ने चरचा थाने में जो शिकायत पत्र दिया है उसके मुताबिक 30 अगस्त को दोपहर करीब 12 बजे अमन ठाकुर नाम के व्यक्ति का फोन उक्त सर्किल ऑफिसर को आया. जिस नंबर से आया था उसका नंबर अंत में 3334 बताया जा रहा है. फोन में लकड़ी मुफ्त में दिए जाने की बात कही गई. जिस पर वन विभाग के स्टॉफ मुफ्त में किसी भी प्रकार की कोई लकड़ी देने की बात से इनकार किया.
शिकायत पत्र में दावा किया गया है कि ये बोलने के बाद उक्त अमन नाम के व्यक्ति के फोन में ही एक फोन आया और उक्त व्यक्ति ने अपना नाम कुणाल जायसवाल बताया. शिकायत के मुताबिक उक्त फोन करने वाले कुणाल जायसवाल ने भी फ्री में लकड़ी देने की बात कही. जब वन विभाग की स्टॉफ ने मना किया तो उक्त कुणाल जायसवाल ने महिला स्टॉफ के साथ गाली-गलौच की और देख लेने की धमकी दी.
कौन पहुंचा था THAR से
- शिकायत के मुताबिक इसके बाद थार से 5-6 युवक वन विभाग के डिपो पहुंचे और ट्रैक्टर में जबर 4-5 क्विंटल लकड़ी लेकर वन विभाग के गेट का ताला तोड़कर बाहर निकल गए.
- लल्लूराम डॉट कॉम के पास यहां की वो तस्वीर मौजूद है जिसमें वन विभाग के गेट का ताला लटका हुआ है लेकिन गेट खुला है और इसमें ट्रैक्टर में भरी लकड़ी बाहर जाती हुई नजर आ रही है.
- इस फोटो को जब Zoom करेंगे तो ट्रेक्टर के आगे एक काले रंग की थार नजर आ रही है. अब सवाल ये है कि ये थार किसकी है और महिला की शिकायत पर पुलिस ने क्या जांच की.
क्या कहा भाजपा जिलाध्यक्ष ने
भाजपा नेता कृष्ण बिहारी जायसवाल से लल्लूराम डॉट कॉम ने बातचीत की और इस आरोप पर उनका पक्ष लिया. उनका कहना था कि एक गरीब परिवार के व्यक्ति की मौत हो गई थी. उसके अंतिम संस्कार के लिए कुछ लोग लकड़ी लेने पहुंचे और उसमें से एक लड़के ने उसके बेटे का नाम ले लिया. उनका कहना था कि फोन में बात करने वाला व्यक्ति भी एक गरीब था, जिससे अंजाने में उनके बेटे का नाम ले लिया. लेकिन सवाल ये है कि क्या कोई गरीब व्यक्ति थार में वन विभाग के डिपो में कैसे पहुंच सकता है. ये पुलिस के लिए भी जांच का विषय है. बीजेपी जिलाध्यक्ष का कहना है कि इस बात को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जा रहा है.
क्या कहा है पुलिस का ?
चरचा पुलिस थाने के प्रभारी प्रमोद पांडे का कहना है कि सर्किल फॉरेस्ट ऑफिस ने शिकायत की थी, जिसके बाद उसका बयान लिया गया और फिर उसने बाद में अपनी शिकायत वापस ले ली है कि वो कोई कार्रवाई नहीं चाहती है.
इस केस से जुड़े कुछ सवाल, जिसका जवाब अब तक किसी के पास नहीं
- काले रंग की थार किसकी थी.
- थार में कौन-कौन डिपो पहुंचा था.
- फोन करने वाले व्यक्ति को फोन में किसका फोन आया ?
- शासकीय गेट तोड़े जाने पर क्या कार्रवाई हुई ?
- ऐसा क्या हुआ कि पूरा वन विबाग का अमला पहले थाने शिकायत करने पहुंचा और फिर शिकायत वापस ले ली ?
- पुलिस ने एक ही दिन में कॉल डिटेल निकालकर इस मामले की जांच कर ली ?