शिवम मिश्रा, रायपुर। राजधानी रायपुर में प्रशासन की तरफ से कड़ाके की ठंड़ी में बचाव के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं. CM भूपेश बघेल के निर्देश के बाद भी रायपुर कलेक्टर जरूरतमंदों को लेकर कोई पहल नहीं कर रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि कलेक्टर साहब को CM के निर्देश मायने नहीं रखते हैं. अब तक न कंबल बंटवा रहे हैं और न ही अलाव जले हैं. कड़ाके की ठंड ने लोगों में ठिठुरन बढ़ा दी है, लेकिन सिस्टम हीटर में है.

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राजधानी के चौक चौराहों पर कोई पहल नहीं किए गए हैं. भरी ठंड के साथ चलती ठंडी हवा ने लोगों को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया है. सुबह सड़कों पर सन्नााटा पसरा रहता है. शाम को भी लोग घरों में दुबके बैठे रहते हैं. सुबह होते ही घर से बाहर निकलने में लोग ठंड के कारण कांपते दिखते हैं.

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.दिसंबर माह बीतने पर है, जिसमें सर्दी के साथ ठिठुरन बढ़ने लगी है, लेकिन प्रशासन अब तक नहीं जागा है. सार्वजनिक जगहों पर अलाव की व्यवस्था नहीं किए जाने से जरूरतमंद लोगों को ठिठुरना पड़ रहा है. राहगीर और दुकानदार भी ठिठुरने को मजबूर हैं. वहीं लोग अपने खर्च से अलाव जलाते देखे गए हैं. लोगों ने अलाव जलाने की मांग की है, लेकिन प्रशासन कोई पहल नहीं कर रहा है.

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद LALLURAM.COM की टीम ने कई सार्वजनिक स्थानों का जायजा लिया, जहां प्रशासन की नाइंसाफी देखने को मिली. लोग प्लास्टिक और कागज जलाकर ठंड में आग जलाकर तापते नजर आए. रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, डंगनिया, रिंग रोड, लाभांडी इलाकों में व्यवस्थाएं ठप देखने को मिली, जबकि मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है, बावजूद कोई व्यवस्थाएं नहीं है.

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बहरहाल, ठंडी हवा के रुख ने अपना रंग दिखाना प्रारंभ कर दिया है. शीत के चलते लोग घरों में दुबकने के साथ चौराहों पर कागजों में आग लगाकर ठंडी भगाते नजर आए. मौसम में एकाएक ठंडक बढ़ गई है. आलम यह है कि दोपहर तक लोग ऊनी-वस्त्रों और चद्दरों में लिपटे दिख रहे हैं. जबकि प्रशासन सरकारी हीटर में दिख रहा है.

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