रायपुर। कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह और टीएस बाबा की रार थमती नहीं दिख रही है. यदि थमती भी होगी तो शायद कुछ मीडिया पोर्टल इसे थमने नहीं देंगे. रोज नए-नए खुलासों के नाम पर तरह-तरह की बातें मीडिया में सामने आ रही है, जिनमें नए-नए दावे किए जा रहे हैं. कहीं तिल को ताड़ बताया जा रहा है तो कहीं ताड़ को तिल दर्शाया जा रहा है. जबकि पुलिस छानबीन में ये सब तथ्यहीन मिले हैं.

दरअसल, हाल ही में कुछ वेब पोर्टलों पर इस आशय की खबर आयी थी कि बृहस्पति सिंह की जिस गाड़ी पर 24 जुलाई को हमला किया गया था, उसके ड्राइवर ने कहा है कि गाड़ी ओवरटेक करने को लेकर टीएस सिंहदेव के रिश्तेदार से विवाद हुआ था. उसने कोई मारपीट नहीं की. सिर्फ चाबी से गाड़ी का कांच फोड़ दिया था. रिश्तेदार ने न तो विधायक बृहस्पति सिंह के बारे में पूछा और न ही उनको कुछ कहा. वहीं बृहस्पति सिंह के सुरक्षा कर्मी पीएसओ ने भी गाड़ी ओवरटेक को ही विवाद बताया. इसे लेकर यह हवा बन रही है कि टीएस बाबा के खिलाफ बड़ी साजिश चल रही थी, लेकिन पुलिस के मुताबिक ये सब मुद्दे को भड़काने की साजिश है.

वास्तविकता यह है कि घटना के बाद मीडिया कर्मियों द्वारा लिए गए बयान में ड्राइवर एवं सुरक्षा कर्मी दोनों द्वारा यह स्पष्ट तौर पर बयान दिया गया था कि उनके साथ गाली गलौज की गई थी. गाड़ी को नुकसान पहुंचाया गया. सुरक्षाकर्मी ने आरोपियों को जानकारी दे दी गई थी कि ये विधायक जी की गाड़ी है, जिस पर आरोपियों ने तुम्हारा विधायक कहां है कहकर उन्हें भी गाली दी गई.

इसी प्रकार का बयान भी उनके द्वारा पुलिस को दिया गया है. इस प्रकार कुछ वेब पोर्टलों द्वारा गलत खबरें फैलाई जा रही हैं, जो तथ्यहीन है. पुलिस के मुताबिक इस घटना में टीएस सिंहदेव के खिलाफ कोई साजिश नहीं हुई है.

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