
बिलासपुर. कोटा ब्लॉक के शिक्षक की मृत्यु होने के बाद उसके रूके वेतन को निकालने के एवज में बीईओ एवं क्लर्क 1 लाख 34 हजार रुपए की मांग कर रहे थे. इसकी लिखित शिकायत शिक्षक की शिक्षिका पत्नी ने कलेक्टर से जनदर्शन में की. इसकी गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने जांच के निर्देश दिए. प्रारंभिक जांच में भ्रष्ट्राचार का आरोप सही पाए जाने पर कोटा बीईओ विजय टांडे सहित एक क्लर्क के विरूद्ध कार्रवाई की गई है. बीईओ को जहां पद से हटाकर विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं. वहीं क्लर्क को निलंबित कर दिया गया है. जिले के कोटा विकासखण्ड की शिक्षिका नीलम भारद्वाज ने पखवाड़े भर पहले कलेक्टर द्वारा आयोजित कर्मचारी जनदर्शन में एक शिकायत पत्र सौंपा था. जिसमें उन्होंने बताया कि उनके शिक्षक पति के देहावसान उपरांत उनके स्वत्वों के भुगतान के लिए 1.24 लाख रुपए का रिश्वत मांगा जा रहा है. बीईओ को जानकारी देने के बाद भी उनके द्वारा भी कोई सुनवाई नहीं की जा रही है.

कलेक्टर अवनीश शरण ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उनके शिकायत को टीएल पंजी में दर्ज किया और जिला शिक्षा अधिकारी को मामले की जांच के निर्देश दिए. जांच में महिला द्वारा लगाया गया आरोप सही पाया गया. कोटा बीईओ विजय टांडे एवं लिपिक एकादशी पोर्ते ने मिलकर महिला शिक्षिक को परेशान किया गया. बिना रिश्वत लिए उनके वास्तविक स्वत्वों को भुगतान नहीं किया जा रहा था. जान बूझकर विलंबित एवं परेशान किया जा रहा था. जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टन अवनीश शरण ने एक आदेश जारी कर बीईओ विजय टाण्डेय को हटा दिया है. उनके विरूद्ध विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं. तब तक के लिए उन्हें खुरदुर कोटा में प्राचार्य पद पर कार्य करने के लिए निर्देशित किया गया हैं. वहीं डीईओ अनिल तिवारी द्वारा सहायक वर्ग 2 एकादशी पोर्ते को निलंबित किया गया है. निलंबन काल में श्री पोर्ते को रतनपुर हायर सेकेण्डरी स्कूल में मुख्यालय नियत किया गया है. नियमानुसार उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता दी जाएगी.