सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। छत्तीसगढ़ में चैंबर ऑफ कामर्स में चुनाव की वजह से दो गुटों में मतभेद की बात निकलकर सामने आ रही है. एक तरफ कैट व्यापारी शुक्रवार को छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया है. कैट ने इस संबंध में चैंम्बर ऑफ कामर्स से भी सहयोग मांगा था लेकिन चैंबर ऑफ कामर्स ने व्यापार बंद का समर्थन नहीं किया है.

समर्थन नहीं दिए जाने को लेकर कैट कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंह देव ने कहा कि जीएसटी के विसंगतियों को दूर करने के लिए कैट ने एक दिन व्यापारियों से व्यापार बंद करने का आह्वान किया था, हमने इस संबंध में चैंबर ऑफ कामर्स से भी सहयोग मांगा था, जिसे वर्तमान अध्यक्ष जितेन्द्र बरलोटा ने अस्वीकार कर दिया. हम कोशिश करेंगे कि कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर परवानी के नेतृत्व में हम अपने स्तर पर कोशिश करेंगे कि छत्तीसगढ़ बंद हो वो हमारा साथ नहीं दे रही ये दुर्भाग्य है. प्रदेश के सभी संगठनों से हमने आवेदन मांगा है. ये व्यापारियों की बहुत बड़ी समस्या है. इसे सभी को एक होकर सहयोग देना चाहिए.

पूर्व चैंबर अध्यक्ष बरलोटा ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जयपुर की कैट इकाई भी बंद को समर्थन न देने का आह्वान कर चुकी है. इसका साफ-साफ अर्थ यह है कि कैट संस्था भी जीएसटी को लेकर एकमत नहीं है. अभी तक के घटनाचक्र को देखा जाए तो 26 को भारत बंद पूरी तरह से असफल होने जा रहा है.

चैंबर कार्यकारी अध्यक्ष ललित जैसिंघ कहना है कि छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कामर्स ने बंद को समर्थन नहीं दिया। केन्द्र ने चेंबर ऑफ कामर्स की मांगों को माना है। हमने लगभग जीएसटी में 400 संशोधन कराए है। जीएसटी के मंत्री आए थे उन्होने कहा कि चेंबर की मांगों को पूरा करेंगे। हम बंद के समर्थन में नहीं है।