प्रमोद निर्मल, मोहला-मानपुर। नेशनल हाईवे 930 में मानपुर से 3 किमी दूर दो बाइक व कार में भिड़ंत हो गई, जिससे तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। तीनों की स्थिति नाजुक बताई जा रही है। घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। तीनों घायलों को मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया। घायल तीन में से दो लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं तीसरी घायल युवती को राजनांदगांव मेडिकल काॅलेज रेफर किया गया है।

जानकारी के मुताबिक, घटना में भिलाई से पखांजूर जा रही कार की चपेट में दो बाइकें आई है। एक बाइक में युवक व युवती सवार थे। दूसरी बाइक में अकेला व्यक्ति सवार था। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई। एक मृतक का नाम सरवन टोप्पा है। वहीं दूसरे मृतक का नाम दीपेश यादव बताया जा रहा है। घायल युवती का नाम प्रमिला मंडावी है, जो खडगांव थाना क्षेत्र के मिचगांव की रहने वाली है। पुलिस घटना की जांच कर रही है। वहीं इस हादसे के बाद ग्रामीणों में आक्रोश देखा जा रहा है।

तीन दिन पहले भी दो लोगों की हुई थी मौत

बता दें कि तीन दिन पहले रविवार को भी इसी जगह से कुछ दूर हाइवे में हादसा हुआ था, जिसमें दो लोगों की मौत हुई थी। लगातार हादसे से क्षेत्रवासियों में आक्रोश है। तीन दिन पहले हुई घटना के बाद मानपुर में ग्रामीणों ने हाइवे निर्माण ठेकेदार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। ठेकेदार के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी।

फिर हाइवे के बीच रखे बोरी से तो नहीं टकरा गए और हो गए अनियंत्रित

हाइवे में तीन दिन पहले ही दो लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हुई थी। मौत के बाद ग्रामीणों के आंदोलन के मद्देनजर सुधार के नाम पर हाइवे में रखे मलबे से युक्त बोरियो में लोहे की छोटी सी पाइप और बोरी में रेडियम लगाकर खानापूर्ति कर दी गई। आज जो दुर्घटना हुई उसमें मौके पर ऐसा ही बोरी देखने को मिला है। आशंका गहरा रही है कि कहीं फिर ऐसे ही बोरी की चपेट में आकर तो ये घटना घटित नहीं हो गई।

अब तक ठेकेदार के खिलाफ दर्ज नहीं हुआ एफआईआर

बता दें कि तीन दिन पहले ही इसी नेशनल हाईवे में घटना के दौरान दो लोगों की मौत के बाद ग्रामीणों ने आंदोलन किया था और हाइवे निर्माण ठेकेदार पर एफआई आर दर्ज करने की मांग की थी। पुलिस और प्रशासन ने एफआईआर का भरोसा दिलाया। आश्वासन के बाद हर बार की तरह फिर आंदोलनकारी नेताओं ने आंदोलन खत्म कर दी। विडंबना ही कहें कि आश्वासन के बावजूद चौथे दिन भी एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी है और लो फिर घटना घट गई, जिसमें दो की फिर मौत हो गई। अब इसे पुलिस व प्रशासन की कारगुज़ारी कहें या स्थानीय नेताओं की नाकामी ये समझ से परे है।

108 एंबुलेंस दो माह से नदारत

सबसे बड़ी विडंबना ये भी है कि मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का 108 एंबुलेंस करीब दो माह से नदारत है। किसी कारणवश 108 को संबंधित एजेंसी ने यहां से हटा रखा है, लेकिन वापस अब तक नहीं भेजा गया। फिलहाल मानपुर अस्पताल बिना 108 एंबुलेंस के है। बीएमओ गिरीश खोबरागढ़े के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग से कई बार 108 को सेवा में लगाने के लिए संबंधित एजेंसी को कहा जा चुका है, लेकिन एजेंसी 108 एंबुलेंस को यहां सेवा में तत्पर नहीं कर पा रही।

बीएमओ और थाना प्रभारी ने दिखाई तत्परता

भले ही 108 यहां न हो थाना प्रभारी और बीएमओ ने अपने स्तर पर तत्परता दिखाई। 108 न होने के चलते सूचना पाकर बीएमओ गिरीश खोबरागढ़े ने मौके पर अन्य एंबुलेंस भेजा। वहीं थाना प्रभारी बृजेश सिन्हा स्वयं 112 के साथ मौके पर पहुंचे। हालांकि अस्पताल के एंबुलेंस के पहुंचने से पहले थाना प्रभारी ने अपनी गाड़ी और 112 वाहन से घायलों को अस्पताल रवाना कर दिया था।

एसडीएम पहुंचे अस्पताल, घायलों का जाना हाल

घटना में घायलों के इलाज के दौरान एसडीएम अमित नाथ योगी मानपुर अस्पताल पहुंचे। उन्होंने पुलिस, स्वास्थ्य कर्मी व अन्य लोगों से घटना की जानकारी ली। वहीं घायलों का हाल जाना।

बड़ा सवाल – आखिर क्यों नतमस्तक है पुलिस और प्रशासन

ये पहला वाक्या नहीं है सड़क दुर्घटना में मौत का। विगत दो वर्षों में लगभग 40 से अधिक मौते उस निर्माणाधीन नेशनल हाईवे में हो चुकी है। हर मौत के बाद निर्माण ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग होती है, क्योंकि बेतरतीब निर्माण दुर्घटनाओं का कारण बन रही है। विडंबना ही कहें कि अब तक ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं हो सकी। बताया जाता है कि बहुत बड़े राजनैतिक रसूखदार का ये निर्माण ठेका है, जिसके प्रभाव ने कार्रवाई रोक रखी है। अब लोग सवाल उठा रहे कि कार्रवाई क्यों नहीं हो रही, आखिर क्यों पुलिस और प्रशासन इस ठेकेदार के आगे नतमस्तक है, जो कार्रवाई में गुरेज कर रहे हैं।