कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में चर्च में तोड़फोड़ करने का मामला सामने आया है. इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें कुछ आरोपी चर्च के बाहर लोगों को कुछ समझाते हुए भी दिखाई दे रहे हैं. पूरा मामला पंडरिया तहसील के कुकदूर थाना क्षेत्र का है. अज्ञात लोगों ने चर्च के अंदर लगे पंखे, पोडियम को तोड़ डाला है. चर्च के अंदर मौजूद लोगों ने उनसे मारपीट का भी आरोप लगाया है.

इस मामले में कुकदूर थाना प्रभारी लव कुमार का कहना है कि पोलमी गांव में तोड़फोड़ हुई है. जांच जारी है. बताया गया है कि पोलमी में जिस घर में चर्च था, वो कंवल परस्ते का है. कवल का कहना है कि हर रविवार की तरह इस रविवार को भी सभा थी. अचानक कुछ लोग पहुंच गए और तोड़फोड़ करने लगे.

वहीं एक अन्य पीड़ित मायाराम ने बताया प्रार्थना के दौरान करीब 200 लोग पहुंचे थे. उन्होंने हमारे साथ मारपीट की और धार्मिक किताबों को भी जला दिया. मायाराम ने आरोप लगाया कि डालामोहा और दमगढ़ के चर्च में भी लोगों ने तोड़फोड़ की है. पोलमी, डालामोह और दमगढ़ मिशनरी बहुल्य इलाके हैं. यहां अधिक संख्या में मिशनरी लोग रहते हैं.  पुलिस अभी इस मामले में जांच कर रही है.

पुलिस की तरफ से इस संबंध में अभी कोई अधिक जानकारी नहीं दी गई है. चर्च के अंदर मौजूद लोगों ने दमगढ़ में कुछ लोगों पर मारपीट करने के बाद धर्म विशेष का गमछा पहनाने का भी आरोप लगाया है. मायाराम का कहना है कि मारपीट करने वाले लोगों ने उन पर धर्मांतरण करने का भी आरोप लगाया है.

इस मामले में संयुक्त मसीही समाज के सचिव विनिश जॉय ने कहा कि मामला उनकी जानकारी में है. एसपी से चर्चा हुई है, सुरक्षा के आश्वासन के साथ चर्च के पास फोर्स लगाई गई है. धर्म के प्रचार प्रसार की आजादी सबको है. इसका इस तरह से विरोध गलत है. सोमवार को एसपी को ज्ञापन सौपेंगे. पहले भी इसी तरह से साल 2010 में मझगांव रोड स्थिति चर्च में भी तोड़फोड़ हुई थी.

इसके पहले चर्च में तोड़फोड़ की घटना 6 मार्च 2016 में राजधानी रायपुर से सामने आई थी. उस समय चर्च में प्रार्थना सभा के दौरान कुछ लोगों ने हमला कर दिया था. हमले के वक्त कई लोग चर्च के अंदर थे, तभी आरोपियों ने चर्च में घुसकर तोड़फोड़ भी कर दी थी. चर्च में तोड़फोड़ और हमले की घटना राजधानी के खम्हारडीह इलाके की थी. मामले का वीडियो भी सामने आया था, जिसके बाद तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने भी तत्कालीन भाजपा सरकार से पूरे मामले को लेकर रिपोर्ट मांगी थी.

इसके पहले 30 जून 2016 को कवर्धा के डोंगरिया में प्रतिमा को खंडित करने का मामला सामने आया था. घटना के दूसरे दिन मूर्ति के अवशेष मिले थे. उस दौरान मूर्ति को तोड़ने के विरोध में भी जमकर बवाल हुआ था. लोगों ने इस घटना का जमकर विरोध किया था.

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