रायपुर। बस्तर संभाग के सांसद और विधायकों ने सीएम भूपेश बघेल से तेंदूपत्ता संग्राहकों को नगद भुगतान करने की मांग की थी. अब इनकी मांग पूरी कर दी गई है. तेंदूपत्ता सीजन-2021 का संग्रहण पारिश्रमिकों को नगद भुगतान करने की अनुमति दे दी गई है. छत्तीसगढ़ शासन के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ ने आदेश जारी किया है. जिससे नारायणपुर, कांकेर, सुकमा और बीजापुर जिले के तेंदूपत्ता संग्राहकों को नगद भुगतान किया जा सकेगा. 

जारी आदेश में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रस्ताव अनुसार कोविड संक्रमण के वर्तमान फैलाव के कारण संग्राहकों को बैंक आने-जाने से कोरोना का खतरा हो सकता है. लॉकडाउन की स्थिति के कारण बैंक भी नागरिकों के लिए अभी तक खोले नहीं गए हैं.

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इन परिस्थियों को ध्यान में रखते हुए तेन्दूपत्ता संग्रहण वर्ष 2021 के लिए तेन्दूपत्ता पारिश्रमिक की राशि को नगद के रूप में भुगतान की अनुमति दी जाती है. संग्रहण पारिश्रमिक का नगद भुगतान जिला कलेक्टर अपने पर्यवेक्षण और मार्गदर्शन में पूर्ण पारदर्शिता के साथ कराया जाना सुनिश्चित करें.

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छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने भी प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि पीसीसी चीफ मोहन मरकाम, बस्तर सासंद दीपक बैज, मंत्री कवासी लखमा, दंतेवाड़ा विधायक देवती कर्मा, नारायणपुर विधायक चंदन कश्यप, बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी की मांग की थी. मुख्यमंत्री के निर्देश अनुसार वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने आदेश जारी कर 4 जिलों में तेंदूपत्ता सीजन 2021 का संग्रहण पारिश्रमिक नगद भुगतान करने की अनुमति जारी किया है. 

बता दें कि कई जिलों में सभी संग्राहकों के पास बैंक खाता नहीं है. मनरेगा और अन्य योजनाओं में भी वर्तमान में बैंकिंग सुविधाओं के कमी के कारण श्रमिकों को नगद भुगतान किया जा रहा है. कोरोना महामारी होने के कारण बैंकों में अधिक भीड़ होने की सम्भावना हो सकती है. जिससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है. इसलिए नगद भुगतान किया जाना अच्छा विकल्प रहेगा.

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