रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में मामूली विवाद ने प्रदेश की सियासत को हिलाकर रख दिया है. प्रदेश की राजनीति में मानो अचानक तूफान सा आ गया है, जिससे राजनितिक गलियारे में सियासी दंगल जारी है. ये विवाद अब प्रदेश से निकलकर दिल्ली तक पहुंच गया है. दिल्ली में इसकी गूंजने सुनाई देने लगी है. इस मुद्दे को लेकर अब विपक्ष सरकार और विवाद को लेकर चुटकी ले रहा है. मामले में पूर्व सीएम रमन सिंह, विधायक बृजमोहन अग्रवाल, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और अजय चंद्राकर ने सरकार और विवाद को लेकर हमला बोला है.

छत्तीसगढ़ में मचे सियासी घमासान को लेकर पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि ढाई साल आते-आते सरकार पूरी तरह से बिखर चुकी है. बिखरने की स्थिति आज विधानसभा में देखने को मिला है. सरकार का मंत्री औऱ जवाबदार मंत्री अविश्वास प्रकट करता है और कहता है कि जब तक मुझे स्पष्ट जवाब नहीं मिलेगा, तब तक मैं इस सदन में कदम नहीं रखूंगा. इसका मतलब ये है कि सरकार की अस्तित्व को नकार दिया गया है. जब सरकार के मंत्री का भरोषा सरकार से उठ गया है, तो प्रदेश की 2 करोड़ 70 लाख जनता क्यों भरोसा करेगी. पूरी तरह से सरकार कटघरे में खड़ी है. सरकार की विश्वसनियता खत्म हो गई है.

मंत्री को अपने सरकार पर भरोसा नहीं- कौशिक

मामले में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि पूरे हिंदुस्तान पहली घटना होगी कि चलते हुए विधानसभा में सत्ता पक्ष के जो कद्दावर मंत्री हैं, वो सरकार से खुद की स्पष्टीकरण मांगे हैं, साथ ही विधानसभा से उठकर चले गए और ये कहे कि जबतक सरकार मेरी स्थिति स्पष्ट न करे. मैं इस कार्यवाही में हिस्सा नहीं लूंगा. मंत्री को अपने सरकार पर भरोसा नहीं है, तो जनता को सरकार पर कैसे भरोसा हो. उन्होंने कहा कि बहुत दिनों से सुगबुगाहट हो रही थी, लेकिन विधानसभा में सब देखने को मिल गया.

विश्व की राजनीति में यह पहली घटना- बृजमोहन

वहीं पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि विश्व की राजनीति में यह पहली घटना है. सरकार के मंत्री ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जबतक मेरी स्थिति स्पष्ट नहीं होती, तब तक मैं विधानसभा में हिस्सा नहीं लूंगा. ये सरकार के ऊपर में अविश्वास है. इस सरकार को 1 मिनट भी रहने का अधिकार नहीं है. अपने आपको क्लियर नहीं होने तक, बहिर्गमन करना ये शायद इतिहास की पहली घटना है. इन सबका जिम्मेदार सरकार है. सरकार का काम और प्रभाव जिम्मेदार है. सरकार अपने ही लोगों को प्रताड़ित करने में लगी है.

चंद्राकर ने की सरकार से इस्तीफे की मांग

पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि गृहमंत्री ने जो बयान दिया, वो इतना स्तरहीन था कि एक कैबिनेट मंत्री के ऊपर आरोप है. सबसे सीनियर मंत्री के ऊपर आरोप है, जो मुख्यमंत्री के दावेदार थे. उसको एक सड़क की छोटी सी घटना बताकर उन्होंने बयान दिया. वो बयान है ही नहीं, जिसपर कुछ बात कही जाए. भूपेश बघेल सरकार सामूहिक उत्तरदायित्व खो चुकी है. इसलिए सरकार को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए. मंत्री ने कहा कि सरकार लगातार टीएस सिंहदेव को अपमानित करती आई है. भूपेश बघेल सरकार को सामूहिक उत्तरदायित्व खोने के कारण इस्तीफा देना चाहिए.

बता दें कि ये विवाद विधायक  बृहस्पत सिंह पर हुए हमले को लेकर हुआ है. बृहस्पत सिंह ने कहा था कि महाराजा हैं मेरी हत्या करा सकते हैं. हत्या कराने से अगर सिंहदेव मुख्यमंत्री बन सकते हैं तो उन्हें ये पद मुबारक़ हो. मंत्री सिंहदेव कांग्रेस विधायकों का अपमान करते हैं. उन्होंने कहा था कि ऐसे मंत्री को पद पर रहने का अधिकार नहीं है. हालांकि विधायक की बैठक के बाद मंत्री टीएस सिंहदेव और विधायक बृहस्पत सिंह एक साथ नजर आए थे.

विधानसभा सत्र के दूसरे दिन टीएस सिंहदेव ने विधानसभा में अपनी बात कहकर बाहर निकल गए. जहां उन्होंने  ने के बाद पहले 10 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित की गई. इसके बाद शुरू हुई कार्यवाही के बाद बृहस्पति सिंह मामले में विपक्षी सदस्यों ने सदन की कमेटी बनाकर जांच की मांग की और विपक्षी सदस्य गर्भगृह उतरे.

इसी बीच सदन में हंगामा जारी रहा और फिर भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है. सिंह देव ने सदन में कहा था कि मैं भी एक इंसान हूं मेरे चरित्र के बारे में सब जानते हैं. शायद कुछ छिपा हुआ है जिसे अब सामने लाने की कोशिश की जा रही है.  मैं नहीं समझता हूं कि मेरी स्थिति ऐसी है कि जब तक शासन की ओर से इस पर स्पष्ट जवाब ना आ जाए मैं इस पवित्र सदन में रहना उचित नहीं समझता.

 मैं भी एक इंसान हूं मेरे चरित्र के बारे में सब जानते हैं. शायद कुछ छिपा हुआ है जिसे अब सामने लाने की कोशिश की जा रही है.  मैं नहीं समझता हूं कि मेरी स्थिति ऐसी है कि जब तक शासन की ओर से इस पर स्पष्ट जवाब ना आ जाए मैं इस पवित्र सदन में रहना उचित नहीं समझता.

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