सुप्रिया पांडे,रायपुर। गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा गांव में किडनी की बीमारी से मौतों के बाद भी हालात नहीं सुधरे है. आम आदमी पार्टी की टीम ने 27 फरवरी को सुपेबेड़ा जाकर हालातों का जायजा लिया. आप के नेताओं ने कहा कि वहां आज भी कई लोग गम्भीर अवस्था में है. कांग्रेस सरकार सुपेबेड़ा सहित 9 गांवों के लोगों को आज तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं करा पाई है. आप पार्टी 9 मार्च को सुपेबेड़ा के मामले में मुख्यमंत्री और मंत्रियों से मुलाकात करने की रणनीति बनाई जा रही है.

आप पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा कि प्रदेश सरकार एक तरफ गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का ढोल पूरे प्रदेश में पीट रही है, लेकिन गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा सहित 9 गांवों के लोगों को सरकार आज तक शुद्ध पेयजल भी उपलब्ध नहीं करा पाई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पूर्व में जब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे. सुपेबेड़ा में घर-घर जाकर तत्कालीन रमन सरकार से शुद्ध पेयजल और मृतक परिवार को 5 लाख रुपए मुआवजा सहित नौकरी की मांग करते थे. उन्होंने प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पानी सहित सारी सुविधाएं देने का वादा किया था, लेकिन आज भूपेश बघेल स्वयं सरकार के मुखिया होकर भी सुपेबेड़ा मामले पर गम्भीर नहीं हैं.

आम आदमी पार्टी की टीम ने 27 फरवरी को सुपेबेड़ा जाकर हालात का जायजा लिया. जहां ग्रामीणों ने बताया कि अब तक सुपेबेड़ा में 130 लोगों की मौत किडनी और लीवर डेमेज होने के कारण हुई है. यहां के बेटे बेटियों के विवाह के लिए रिश्ते नहीं आ रहे हैं. आज हर परिवार में किडनी, लीवर जैसी बीमारियों से लोग पीड़ित हैं, कई लोग आज भी गम्भीर अवस्था में है.

आप ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने पूरी तरह सुपेबेड़ावासियों को मरने के लिए छोड़ दिया है. कांग्रेस सरकार वर्ष 2013 में भाजपा सरकार के समय लगी वाटर फिल्टर प्लांट का फिल्टर अब तक नहीं बदलवा पाई है. ग्रामीणों की मांग सिर्फ इतनी है कि उनके लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हो. आम आदमी पार्टी ग्रामीणों के साथ मिलकर रणनीति बना रही है. आप पार्टी के द्वारा 9 मार्च को सुपेबेड़ा के मामले में मुख्यमंत्री व प्रदेश के सभी केबिनेट मंत्रियों से मुलाकात करने की रणनीति बनाई जा रही है.