रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी ’गोधन न्याय योजना’ को पर्यावरण संरक्षण और सतत् विकास में उत्कृष्ट योगदान के लिए ’स्कॉच गोल्ड अवार्ड’ से सम्मानित किया गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस शानदार उपलब्धि के लिए प्रदेशवासियों और राज्य शासन के कृषि विकास, कृषक कल्याण और जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. स्कॉच ग्रुप द्वारा छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना को 20 मार्च को नई दिल्ली में यह अवार्ड प्रदान किया गया.

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर हरेली पर्व पर 20 जुलाई से गोधन न्याय योजना प्रारंभ की गई है. इस योजना में पशुपालकों और ग्रामीणों से 2 रूपए प्रति किलो की दर पर गोबर खरीदी की जा रही है. खरीदे गए गोबर से गौठानों में महिला स्व सहायता समूहों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट बनाया जा रहा है. योजना के प्रारंभ से अब तक खरीदे गए गोबर के एवज में पशुपालकों और ग्रामीणों को 88 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है.

इसे भी पढ़ें- छग में आज मिले 1 हजार कोरोना मरीज, 10 मौत, दुर्ग में 345, रायपुर में 321 संक्रमित 

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों और कृषि विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना न सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रही है. अपितु अवार्ड के माध्यम से इस योजना को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता भी मिल रही है. लोकसभा की कृषि मामले की समिति ने भी इस योजना की सराहना करते हुए इसे अन्य राज्यों में भी लागू करने की सिफारिश की है.

स्कॉच ग्रुप सामाजिक आर्थिक मुद्दों पर काम करने वाला भारत का अग्रणी थिंक टैंक है. यह ग्रुप भारत को एक बेहतर राष्ट्र बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों, परियोजनाओं और संस्थाओं को सम्मानित करता है.

गोधन न्याय योजना का क्रियान्वयन सुराजी गांव योजना के तहत कृषि, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, सहाकारिता विभाग सहित विभिन्न विभागों के समन्वय से किया जा रहा है. गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गौठानों में 15 मार्च तक 1 लाख 18 हजार 611 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया है. जिसमें से 83 हजार 900 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय भी किया जा चुका है. गोधन न्याय योजना के माध्यम से प्रदेश के 1 लाख 62 हजार 497 पशुपालक लाभान्वित हो रहे हैं. जिनमें 70 हजार 299 भूमिहीन ग्रामीण शामिल हैं.

गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों में 44.55 प्रतिशत महिलाएं हैं. गोधन न्याय योजना में अब तक पशुपालकों से 44 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का मानना है कि गोधन न्याय योजना से प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा, फसलों की चराई पर रोक लगेगी, कृषि उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होने के साथ ग्रामीणों को आमदनी का अच्छा जरिया मिलेगा.