सत्यपाल सिंह,रायपुर। लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का असर एक बार फिर बड़ा असर हुआ है. रायपुर के सुयश नर्सिंग कॉलेज प्रबंधन छात्रों से जबरन फीस वसूली मामले में अब बैकफुट पर आ गया है. छात्रों और प्रबंधन के बीच 51 हजार रुपए पर सहमति बन गई है. इससे पहले लॉकडॉउन के दौरान के हॉस्टल फीस, मेस फीस, वाहन, फीस लायब्रेरी फीस के नाम पर करीब 70 हजार ज्यादा वसूला जा रहा था. लल्लूराम डॉट कॉम ने खबर प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद प्रबंधन हरकत में आया और छात्रों से बातचीत कर उनकी मांगों का माना.

डारेक्टर मेडिकल एजुकेशन कार्यालय का नतमस्त होने का फायदा उठाते हुए सुयश नर्सिंग कॉलेज प्रबंधन ने तानासाही रवैया अपनाकर नर्सिंग छात्रों से मनमाना फीस वसूली कर रहा था. शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. विद्यार्थियों ने डीएमई कार्यालय का घेराव किया फिर भी विद्यार्थियों को न्याय नहीं मिला.

लल्लूराम डॉट कॉम ने छात्रों के विरोध का पहले दिन से खबर प्रकाशित किया, फिर जाकर सुयश नर्सिंग कॉलेज प्रबंधन बैकफुट पर लौटा और नर्सिंग मेडिकल विद्यार्थियों के साथ प्रबंधन बातचीत कर 51 हजार रुपए फीस पर सहमति बनी. तब जाकर छात्र-छात्राओं ने विरोध बंद किया. मनमाने फीस का विरोध कर रहे छात्रों में एम के मरावी ने बताया कि कॉलेज प्रबंधन के साथ बैठक हुई. बैठक में पूर्व में निर्धारित फीस पर प्रबंधन ने मंजूरी दी है. बंद के दौरान मेस फीस, हॉस्टल फीस, लायब्रेसी और वाहन फीस को हटाया गया है.

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गौरतलब है कि लॉकडॉउन के दौरान का हॉस्टल फीस, मेस फीस, वाहन फीस, लायब्रेरी फीस, वसूला जा रहा था. तभी न्याय की उम्मीद लेकर विद्यार्थी डीएमई कार्यालय पहुंचे थे. मनमानी फीस वसूली की शिकायत के दूसरे दिन सुयश कॉलेज के गल्स हॉस्टल में ताला लगाकर सभी छात्राओं को अंदर बंद कर दिया था. उसके बाद विद्यार्थियों ने डीएमई कार्यालय का घेराव किया. बावजूद विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई. बढ़ते दबाव को देखकर प्रबंधन ने फीस माफ कर दिया, लेकिन बंधक बनाया था, उस पर अब भी कार्रवाई नहीं हुई है.

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