रायपुर। जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्यश्री महाश्रमण जी ने शुक्रवार को लगभग 21 किलोमीटर का पैदल विहार किया। पचपेड़ी नाका स्थित वॉल्फोर्ट एनक्लेव से समता कॉलोनी, चौबे कॉलोनी, गुढ़ियारी, टाटीबंध होते हुए आचार्य प्रवर भंसाली मैरिज पैलेस पहुंचे यहां आयोजित प्रवचन में आचार्य श्री ने कर्मों के बंधन से मुक्ति पाने के बारे में बताया।

गुरुदेव ने अमृत देशना में कहा- जिस प्रकार मक्खी श्लेष्म में चिपक जाती है वैसे ही आत्मा भी कर्मों से चिपक जाती है। तीन शब्द है भोग, रोग व योग। तीनों ही जीवन में चलते है। हमारे पास ज्ञानेन्द्रियां व भोगेंद्रियाँ दोनों होती हैं। सुनकर व देखकर भी ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है, इसके लिए श्रोत व चक्षु इन्द्रियों की विशेष भूमिका होती है। ये दोनों इन्द्रियां ज्ञान प्राप्त करने की प्रमुख साधन है। हम कोई बात सुन लेते हैं और सुनने के बाद साक्षात देख लेते हैं तो वह बात और ज्यादा पुष्ट हो जाती है। घ्राण, रसन और स्पर्श इन्द्रियों से भी हमें संबंधित विषयों का ज्ञान प्राप्त होता है। दुनियां में इन्द्रियों के माध्यम से भोग व योग दोनों चलते हैं पर भोग के साथ योग का क्रम चलता है या नही यह ध्यान देना चाहिए।

पूज्यवर ने आगे कहा कि योग अध्यात्म जगत का शब्द है। योग के दो अर्थ – एक शरीर, वाणी और मन की प्रवृति और दूसरा बंधन मुक्ति यानि मोक्ष प्राप्ति का उपाय। योग कर्मों से मुक्ति का उपाय है व भोग बंधन है। हमारे मर्यादा पत्र में आता है त्याग धर्म है भोग अधर्म है, व्रत धर्म है अव्रत अधर्म है। राग के समान कोई दूसरा दुःख नहीं व त्याग के समान कोई दूसरा सुख नहीं। भोग संसार में भ्रमण का हेतु व योग भ्रमण मुक्ति का मार्ग। हमें भोग से योग की ओर प्रस्थान करना है। हम मुक्ति के मार्ग पर आगे बढ़ने का प्रयास करे।

इस अवसर पर गुरुदेव की अभ्यर्थना करते हुए भंसाली परिवार से धरमचंद भंसाली, उषा देवी भंसाली, सूरजमल दूगड़ ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर भंसाली परिवार की बहनों ने स्वागत गीत का संघान किया एवं बच्चों द्वारा सुंदर प्रस्तुति की गई।
झांकियों में प्रस्तुत हुए मुख्य स्थल भंसाली पैलेस में तेरापंथ के मुख्य स्थल आकर्षक झांकियों में प्रस्तुत किये गए। वहाँ तेरापंथ के प्रवर्तक आचार्य भिक्षु की जन्म स्थली कंटालिया, अंधेरी ओरी केलवा निर्वाण स्थल सिरयारी, जयाचार्य समाधि स्थल जयपुर, आचार्य तुलसी निर्वाण स्थल गंगाशहर, आचार्य महाप्रज्ञ समाधि स्थल सरदारशहर के वास्तविक स्वरूप के लोगों ने दर्शन किये।

इस दौरान पूज्यप्रवर के दर्शन करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, पूर्व मंत्री राजेश मूणत, डीजीपी डीएम अवस्थी और पुलिस अधिकारियों भी पहुंचे. इसके अलावा पद्मश्री डॉ. एटी दाबके, सी.एम.ओ. छत्तीसगढ़ डा. मीरा बघेल, एम्स के डायरेक्टर डा.नितिन नागरकर, मेकाहारा के डायरेक्टर डॉ. विनीत जैन, डॉ. संदीप दवे, कोविड टेस्ट डिपार्टमेंट के एच ओ डी डा.अरविंद नेरल ,डा. पूर्णेंदु सक्सेना आदि चिकित्सकों ने गुरूदेव के दर्शन कर प्रेरणा प्राप्त की।