रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर प्रदेश कांग्रेस के संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि टीकाकरण में उम्र की सीमा समाप्त की जाए. टीका सबको उपलब्ध कराया जाए. मोदी सरकार टीम नहीं टीका भेजे. राजनैतिक पैतरे बाजी और बयानबाजी की जरूरत नहीं आज छत्तीसगढ़ को टीके की जरूरत है.

कोरोना के नये वेरियेंट में परिवार का परिवार संक्रमित हो रहा है. ऐसी स्थिति में कांग्रेस मोदी सरकार से मांग करती है कि नौजवानों को भी टीका उपलब्ध कराया जाना चाहिए. टीका में उम्र की सीमा समाप्त की जाए. पत्रकारों ने भी कोरोना संक्रमण में अपनी जान खतरे में डालकर काम किया है. इसलिये पत्रकार जगत को भी प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाया जाए. बार-बार वैक्सीन खत्म होने के समाचार आ रहे है. पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध कराया जाए. टीकाकरण महामारी से लड़ने के मामले को राजनीति से परे रखा जाना चाहिए.

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रमन सिंह हमारी मांग का करें सहयोग

शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि राजनीतिक पैंतरों और बयानबाजी से ऊपर उठकर अब संक्रमण से लड़ने के लिए छत्तीसगढ़ को ठोस मदद की जरूरत है. भाजपा नेताओं की कोरोना को लेकर खोखली बयानबाजी से छत्तीसगढ़ में नाराजगी बढ़ रही है. डॉ. रमन सिंह 15 वर्ष तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे है. उन्हें इस राज्य ने मान, सम्मान, प्रतिष्ठा, सत्ता सब कुछ दिया इसलिये उन्हें भी कांग्रेस के इस टीकाकरण की मांग और छत्तीसगढ़ में आयु सीमा में छूट की मांग टीकारण के लिये इस मांग में सहयोग करना चाहिए.

अब टीम नहीं टीका भेजें

छत्तीसगढ़ में अब टीम नहीं टीका भेजने की जरूरत है. संक्रमण की तीव्र गति को देखते हुए केंद्र छत्तीसगढ़ को ज्यादा मात्रा में टीका उपलब्ध कराए. जब देश में टीका बड़ी मात्रा में उपलब्ध तो छत्तीसगढ़ को तो टीकाकरण के मामले में मॉडल्स्टेट बनाने की जरूरत है. पहले ही टीकाकरण के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ बहुत अच्छा काम कर रहा है. कोरोना के नए संक्रमण में जो स्वरूप सामने आ रहा है. परिवार के सभी सदस्यों को और खासकर नौजवानों को और बच्चों को भी करोना संक्रमण हो रहा है. इसे देखते हुए अब जरूरत इस बात की है कि केंद्र सरकार टीकाकरण में उम्र की सीमाओं को समाप्त करें. देश में टीका निर्माताओं के पास कोरोना के करोड़ों डोज उपलब्ध हैं. जरूरत इन टीकों को टीकाकरण केंद्रों तक भेजने और टीका बनाने की गति को तेज करने की है.

45 वर्ष की सीमा हो खत्म

छत्तीसगढ़ में डबल म्युटेंट संक्रमण और टीकाकरण में छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा प्रशंसनीय कार्य किया जा रहा है. शैलेश नितिन त्रिवेदी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि छत्तीसगढ़ में पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन के डोज उपलब्ध कराए जाएं. जिससे वैक्सीन की कमी की स्थिति अब छत्तीसगढ़ में निर्मित ना हो. इसी के साथ-साथ छत्तीसगढ़वासियों को कोरोना वैक्सीनेशन के लिए 45 वर्ष के नीचे के लोगों को भी अनुमति दी जाए. 45 वर्ष से कम आयु के लिए राज्य सरकार के प्रस्ताव लेकर टीकाकरण योजना के अनुसार जो लगवा सके. उन्हें स्ववित्तपोषित और अपने साथ-साथ अन्य लोगों के टीकाकरण का आर्थिक व्यय उठाने की अनुमति दी जाए.

सामाजिक संस्थाओं की रही अहम भूमिका

इसके साथ-साथ समाज सेवी संस्थाओं सामाजिक संस्थाओं और अन्य सार्वजनिक संस्थाओं को, स्वयंसेवी संस्थाओं को भी टीकाकरण अभियान में लोगों को शामिल करने के लिए भूमिका निभाने की अनुमति दी जाए. जिससे कोरोना महामारी के खिलाफ इस अभियान में सबकी भागीदारी संभव हो सके. इसके पहले जब लाखों प्रवासी मजदूर छत्तीसगढ़ लौट कर आए थे तब छत्तीसगढ़ के लोगों ने इसी प्रकार सबकी भागीदारी से, जनभागीदारी से, सब के सहयोग से जिम्मेदारी को उठाया था. इसमें पूरे छत्तीसगढ़ की पंचायती राज संस्थाओं, समाजसेवी संस्थाओं और सामाजिक संस्थाओं ने बड़ी भूमिका निभाई थी.

वैक्सीन की कमी पर व्यक्त की चिंता

छत्तीसगढ़ में वैक्सीन की कमी की बार-बार हो रही घटनाओं पर शैलेश नितिन ने चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों से मिल रही जानकारी के अनुसार L452R और E484Q के म्यूटेंट के कारण महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में कोरोना की सेकंड वेव का प्रसार हो रहा है.

 

छत्तीसगढ़ सरकार ने टीकाकरण केन्द्र बढ़ाकर लगातार राष्ट्रीय अभियान में अच्छा काम किया है. देश में 7.9 करोड़ लोगों को टीका लगा है. जबकि छत्तीसगढ़ में 4 अप्रैल तक 30 लाख 11 हजार 444 लोगों का ही टीकाकरण हो पाया था. छत्तीसगढ़ में टीकाकरण केंद्र बढ़ाकर टीका लगाने की व्यवस्था बहुत ही अच्छे ढंग से सुनिश्चित की गई है. लेकिन जरूरत ज्यादा मात्रा में ज्यादा संख्या में टीको की आपूर्ति की है.

राज्य में वैक्सीन बढ़ाने की जरूरत- शैलेश नितिन

वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए कोरोना महामारी से लड़ने के इस महत्वपूर्ण अभियान में इन सबकी भागीदारी सुनिश्चित करना आवश्यक हो गया है. संक्रमण से लड़ने के मामले में राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर राज्य को वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ाने की जरूरत है.

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