सत्यपाल राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने सहायक प्राध्यापक की चयन सूची जारी की है.  इसमें 136 लोगों का चयन हुआ है. लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने CGPSC में दूसरे रैंक हासिल करने वाले राजन तिवारी से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस कामयाबी के हकदार पिता जी हैं. फादर्स डे पर पिताजी को क़ामयाबी समर्पित है.

लोक सेवा आयोग ने जारी की सूची

राजन तिवारी ने कहा कि दूसरे रैंक हासिल करने में अनुशासन का दूसरा नाम ही पिता है. इस चयन में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने बाज़ी मारी है. पॉलिटिकल साइंस के आधा दर्जन से ज़्यादा विद्यार्थियों का चयन हुआ है. इसी बीच शंकर लाल माथुर ने कहा कि मेरे पिता मेरे हौसला और उम्मीद हैं. तमाम कठिनाइयों के बीच मुझे इस लायक बनाया है. शंकर लाल माथुर ने कहा कि आठ साल पढ़ाई छोड़ने के बाद फिर से पढ़ाई शुरू की, इसके बाद कामयाबी मिली.

9 साल तक पढ़ाई रुक गई, लेकिन कामयाबी मिली

शंकरलाल माथुर ने बताया कि कक्षा पांचवीं की पढाई के बाद आर्थिक समस्याओं के कारण 9 साल तक पढ़ाई रुक गई. इस दौरान मैंने बाल मजदूरी किया, लेकिन मन में पढ़ने की चाहत थी. मैंने कक्षा दसवीं कि पढ़ाई डिस्टेंस मोड़ से किया. बारहवीं की पढ़ाई शासकीय सरकार कोनी से पूर्ण किया.

राजन तिवारी ने उन्होंने कहा कि हाल ही में आयोजित छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सहायक प्राध्यापक राजनीति विज्ञान की परीक्षा में द्वितीय स्थान आया है. इस सफलता का श्रेय मेरे माता पिता गुरुजन को जाता है.

फादर्स डे के अवसर पर अपने पिता जी विजय तिवारी जो वर्तमान में शिक्षक हैं, उनको नमन करना चाहता हूं. वहीं मेरे आदर्श हैं. प्रेरणा स्रोत हैं, हर परिस्थिति में मेहनत करना अगर कोई निर्णय ले लिया है. उस पर अडिग रहना धैर्य बनाकर रखना कभी भी बहुत ज़्यादा ग़ुस्सा न करना ये सारे गुण मैंने अपने पिताजी से ही सीखें हैं. आज मैं जो कुछ भी हूं इसमें सबसे बड़ा योगदान मेरे पिताजी का है.

उच्च शिक्षा के लिए गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विषय में यूजी/ पीजी की पढ़ाई किया. गोल्ड मेडल हासिल किया फिर प्रथम प्रयास में यूजीसी नेट की परीक्षा उत्तीर्ण किया. मुझे बहुत ही खुशी है कि राजनीति विज्ञान विषय के सहायक प्राध्यापक के रूप में चयन हुआ है. मैं इसका श्रेय अपने माता – पिता और परिवार को देना चाहता हूं.  भविष्य में सामाजिक – आर्थिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों के विकास के लिए कार्य करूंगा.

लक्ष्मी पैकरा पिता – अमरचंद पैकरा (किसान) माता-प्रमिला पैकरा

 

हर्षा साहू पिता- अन्नापन्ना लाल साहू ( किसान) माता का नाम- दमयंती साहू

 

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