रायपुर- संविदा अधिकारी पद पर हुई नियुक्ति से जुड़ी शिकायतों के बाद राज्य शासन ने पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन कुमार सिंह की पत्नी यास्मीन सिंह के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं. जांच का जिम्मा प्रमुख सचिव रेणु पिल्ले को सौंपा गया है. इधर जांच के आदेश के बाद यास्मीन सिंह ने बयान जारी कर इसे ओछे हथकंडे अपनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि नियमों के तहत ही उनकी नियुक्ति की गई थी. उन्होंने लाभ लेने के लगाए गए आरोप को आधारहीन करार दिया है. यास्मीन सिंह ने कहा कि आरोप लगाने वालों के खिलाफ मुकदमा करेंगी.
गौरतलब है कि साल 2005 में पीएचई विभाग में संविदा अधिकारी के रूप में यास्मीन सिंह की नियुक्ति हुई थी. आरोप है कि 35 हजार रूपए प्रतिमाह से शुरू हुआ उनका वेतन गुपचुप तरीके से एक लाख रूपए कर दिया गया. विभागीय पड़ताल में कार्य अवधि के दौरान नृत्य समारोह की अनुमति या अवकाश संबंधी उनकी कोई जानकारी मौजूद नहीं पाई गई है. सरकार ने एक शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ जांच का आदेश जारी किया है.
इधर यास्मीन सिंह ने बयान जारी करते हुए कहा है कि – मुझे जानकारी मिली है कि छत्तीसगढ़ सरकार में मेरे खिलाफ विभागीय जांच गठित की है. मुझे अभी राज्य सरकार से आधिकारिक तौर पर नोटिस प्राप्त नहीं हुई है, लेकिन न्यूज रिपोर्ट इस बात का संकेत देती है कि कांग्रेस पार्टी के एक सदस्य ने शिकायत की है कि राज्य सरकार में मेरे पति के प्रभाव में आकर मेरी नियुक्ति गलत तरीके से की गई है. मैंने राज्य सरकार से अनुचित लाभ लिया है. यास्मीन सिंह ने कहा कि मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि ये सारे आरोप गलत आधारहीन और प्रेरित हैं. राज्य सरकार के पास सारे रिकार्ड हैं जो यह साबित करते हैं कि सरकार में मेरी नियुक्ति सारे नियमों के हिसाब से सक्षम अधिकारी की मंजूरी के साथ पूरी प्रक्रिया का पालन करते हुए की गई है. किसी भी मामले में मैंने अपनी नियुक्ति स्वयं नहीं की है. इसलिए यदि राज्य सरकार को मेरी नियुक्ति में कोई चिंता दिखती है तो वह अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है जो नियुक्ति के लिए जिम्मेदार हैं.
यास्मीन सिंह ने अपने बयान में कहा है कि मुझ पर लगाया गया आरोप कि मैंने राज्य सरकार से अनुचित लाभ लिया है गलत और आधारहीन है. शिकायत की प्रवृत्ति शिकायतकर्ता गलत सोच को दर्शाती है और जिसकी तरफ से उसने शिकायत की है वे इस बात को नहीं पचा पा रहे हैं कि एक महिला होने के नाते अपनी योग्यता के आधार पर राज्य सरकार में मेरा चयन हुआ है. ऐसा लगता है कि राज्य सरकार के मामलों की देखरेख करने वाले अब तक के प्रशासन और उनके परिवार वालों राजनीतिक विद्वेष साधने के लिए टारगेट कर रहे हैं. उनका कार्य करने का तरीका यह है कि सबसे पहले आधारहीन शिकायत बनाते हैं और बाद में शिकायत की जांच करते हैं और सोशल मीिडया पर लक्षित व्यक्ति को बदनाम करने के लिए खबरे प्रकाशित की जाती है. मैं निश्चित रूप से शिकायतकर्ता और वे सारे लोग जो मुझे बदनाम करना चाहते हैं उनके खिलाफ तो मुकदमा करुंगी ही, जांच के संबंध में भी समुचित कानूनी कदम उठाऊंगी.