रायपुर। छत्तीसगढ़ी साहित्य महोत्सव आज प्रारंभ हुआ. इसका उद्घाटन प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह ने किया. अध्यक्ष कुलपति डॉ. केशरी लाल वर्मा और विशिष्ट अतिथि विधायक सत्यनारायण शर्मा थे. इस अवसर पर प्रदेश के 51 वरिष्ठ, महिला और युवा साहित्यकारों का सम्मान किया गया.

विधायक और महोत्सव के संयोजक सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि सरकार छत्तीसगढ़ी के उन्नयन के लिए निरंतर काम कर रही है. छत्तीसगढ़ी महारा स्वाभिमान है. साहित्यकारों ने छत्तीसगढ़ी भाषा और साहित्य को समृद्ध किया है. यह जलसा छत्तीसगढ़ी के साहित्यकारों को सम्मान दिलाने का मंच है.

विशिष्ट अतिथि कुलपति डॉ. केशरी लाल वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ी में वैज्ञानिक और शैक्षिक भाषा का गुण है. सभी क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ी के उपयोग करना पड़ेगा तब भाषा का विकास होगा. विश्वविद्यालय में एम ए पाठ्यक्रम स्वयं होकर संचालित किया जा रहा है. उच्च शिक्षा और अनुसंधान में लगातार काम हो रहा है. छत्तीसगढ़ी को विस्तार देने की जरूरत है. विश्वविद्यालय में छत्तीसगढ़ी के लिए पृथक संस्थान की आवश्यकता है.

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मुख्य अतिथि डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ी का यह महोत्सव भाषा और समृद्धि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. सरकार ने छत्तीसगढ़ के राजगीत अरपा पैरी के धार का चयन कर स्वाभिमान बढ़ाया है. छत्तीसगढ़ी का पृथक संस्थान विश्वविद्यालय में प्रारंभ करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से हम पहल करेंगे. हमारे गोधन योजना और अन्य योजनाओं का पूरा देश अनुसरण करेगा. कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुधीर शर्मा, राजकुमार सोनी और आभार प्रदर्शन सत्यप्रकाश सिंह ने किया.

दूसरे सत्र में डॉ. परदेशी राम वर्मा, डॉ बिहारी लाल साहू, डॉ माणिक विश्वकर्मा, डॉ सत्यभामा आड़िल और अरूण कुमार निगम ने विचार व्यक्त किए. इसके बाद में वनांचल गेड़ी नृत्य संस्था डौंडीलोहारा का सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ. महोत्सव में अनेक प्रकाशकों ने पुस्तकों के स्टाल भी लगाए हैं.