रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य में उत्पन्न परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राजधानी रायपुर से लेकर ग्रामीण अंचल तक स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक सुदृढ़ बनाने की कारगर पहल शुरू की है. छत्तीसगढ़ सरकार बेहतर कोविड प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य संस्थाओं की अधोसंरचना और उपचार की सुविधाओं को चाक-चौबंद करने में जुट गई है. बघेल ने कहा है कि राज्य में स्वास्थ्यगत अधोसंरचना को मजबूत करने में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी.

विकासखंडों से लेकर जिला मुख्यालयों तक सरकारी अस्पतालों को सर्वसुविधायुक्त बनाने के लिए उन्होंने सभी जिला कलेक्टरों से कार्ययोजना मांगी है. उन्होंने इसके लिए शासकीय और निजी हर क्षेत्र को साथ लेने की पहल की है. राज्य सरकार द्वारा वैक्सीन उपलब्धता और वैक्सीन जागरूकता के लिये भी हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जुलाई माह में एक करोड़ टीके उपलब्ध कराने के लिये आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है.

गौरतलब है कि बीते ढाई सालों में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए अनेक कार्य किए गए हैं, छोटे जिला मुख्यालयों एवं विकासखण्ड मुख्यालयों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता चुनौती बनी हुई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना महामारी के बदलते स्वरूप से निपटने एवं प्रदेशवासियों को उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु राजधानी से लेकर ग्रामीण इलाकों तक स्वास्थ्य अधोसरंचना के विस्तार और उनके सुदृढ़ीकरण के निर्देश दिए हैं.

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बीते 15 मई को ही कोरोना की तीसरी लहर आशंका के मद्देनजर राज्य के समस्त चिकित्सा महाविद्यालयों, जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सा सुविधा को सुदृढ़ बनाने की कार्रवाई शुरू करने के निर्देश मुख्य सचिव को दिए थे. मुख्यमंत्री ने कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों के प्रभावित होने की आशंका के चलते बच्चों की चिकित्सा की विशेष व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए थे. उन्होंने मुख्य सचिव को अस्पतालों में अतिरिक्त मानव संसाधन, ऑक्सीजन बेड एवं सिलेण्डर, कंसन्ट्रेटर, आईसीयू, वेन्टीलेटर, सीटी स्कैन, ब्लड टेस्ट, एम्बुलेंस, मोबाइल मेडिकल यूनिट, इत्यादि की पर्याप्त व्यवस्था के निर्देश दिए थे.

इसी तरह बघेल ने 15 जून को सभी कलेक्टरों को जिला एवं विकासखण्ड स्तरीय अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक अधोसंरचना, विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति, निःशुल्क दवाओं सहित चौबीसों घंटे इलाज की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए 15 दिवस में कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए थे.

छत्तीसगढ़ में अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित करने के लिए भी राज्य सरकार निजी क्षेत्र की क्षमताओं का होगा इस्तेमाल करने की तैयारी में है. मुख्यमंत्री ने 22 जून को मुख्य सचिव को नवा रायपुर में 25 एकड़ भूमि आरक्षित करने के निर्देश दिए हैं, ताकि वहां किसी ख्यातिप्राप्त अस्पताल की स्थापना की जा सके. इस अस्पताल में राज्य शासन की योजनाओं के तहत इलाज हो सकेगा.

मुख्यमंत्री बघेल की मंशा है कि भविष्य में नवा रायपुर में स्थापित होने वाला अस्पताल 1500 बिस्तरों वाला सुपर स्पेश्यिलिटी अस्पताल होना चाहिए, जहां मल्टी आर्गन ट्रान्सप्लांट सहित सभी प्रकार की सुविधाएं होनी चाहिए. इस अस्पताल के स्थापित हो जाने से छत्तीसगढ़ के लोगों को भविष्य में इलाज के लिए प्रदेश से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी.

मुख्यमंत्री ने अगली कड़ी में 26 जून को ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं और मजबूती प्रदान करने निजी क्षेत्र का भी सहयोग लेने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि ग्रामीण इलाकों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं उपलब्ध हो सके, इसके लिए सभी शासकीय अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के साथ ही स्वास्थ्य अधोसंरचनाओं के निर्माण में निजी क्षेत्र का सहयोग भी लिया जाएगा. विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पताल निर्माण के लिए निजी क्षेत्रों को राज्य सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जाएगा. यह अनुदान राज्य सरकार द्वारा सेवा क्षेत्र के उद्योगों को दिए जा रहे अनुदान के तहत होगा. मुख्यमंत्री ने इसके लिए उद्योग विभाग को आगामी 10 दिनों में इसकी कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं.

आक्सीजन आपूर्ति में लगभग चार गुना का इजाफा

कोविड-19 संक्रमित मरीजों सहित अन्य बीमारियों से पीडि़त आवश्यकता वाले मरीजों को आक्सीजन की आपूर्ति के लिए बीते पांच महीनों में लगभग चार गुना इजाफा हुआ है. राज्य के 16 जिला चिकित्सालयों में आक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए है. आक्सीजन प्लांट अब 22 जिला चिकित्सालयों में लग चुके है, शेष जिला चिकित्सालयों में इनकी स्थापना का कार्य प्रगति पर है.

दिसंबर 2020 में की स्थिति में राज्य के सभी 28 जिला चिकित्सालयों में आक्सीजन कन्सन्ट्रेटर की संख्या 1061 थी, जो आज की स्थिति में 3917 हो गई है. इसी तरह छोटे आक्सीजन सिलेण्डर की संख्या 2499 से बढ़कर 5362, जम्बो जेड सिलेण्डर की संख्या 2704 से बढ़कर 9382, आक्सीजन प्लांट की संख्या 6 से बढ़कर 22, वेन्टिलेटर की संख्या 280 से बढ़कर 723 तथा पैरामॉनीटर की संख्या 624 से बढ़कर 1142 हो गई है. तीन जिलों में लिक्विड ऑक्सीजन टैंक की भी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है.