रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकारी कर्मचारियों के एकमुश्त तबादले पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने नागपुर जाने से पहले कहा था कि कोरोना काल में सरकारी कर्मचारियों के थोक के भाव में तबादले उचित नहीं है. कोरोना काल में कर्मचारियों के एक मुश्त तबादले संभव नहीं हैं. इससे ऐसा मान जा रहा है कि प्रदेश में तबादला नीति आने की संभावनाएं फिलहाल खत्म हो गई है.
थोक के भाव में नहीं होगा तबादला- CM बघेल
दरअसल, सीएम भूपेश बघेल महंगाई के मुद्दे पर नागपुर प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए जा रहे थे, तब उन्होंने कहा था कि समन्वय के माध्यम से कर्मचारियों का तबादला हो रहा है, लेकिन कोरोना की वजह से व्यापक ट्रांसफर करना उचित भी नहीं होगा.
कर्मचारी संगठन ने तबादला नीति की मांग की थी. कोरोना काल की वजह से वित्त विभाग ने पिछले वर्ष ही व्यापक तबादलों पर रोक लगाने का प्रस्ताव दिया था, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया है. मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि है कि व्यापक ट्रांसफर की नीति फिलहाल प्रेदश में जारी नहीं हो रही है.
बता दें कि छत्तीसगढ़ की आखिरी तबादला नीति 2019 में आई थी. इसमें तृतीय तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्थानांतरण जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से कलेक्टर द्वारा करने का प्रावधान था. स्थानांतरण के लिए आवेदन 15 जून से 25 जुलाई तक संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों के कार्यालयों को दिए जाने थे. तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के मामले में उनके संवर्ग में कार्यरत कर्मचारियों की कुल संख्या के अधिकतम 10 प्रतिशत और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के मामलों में अधिकतम पांच प्रतिशत तक स्थानांतरण किए जा सकेंगे. परस्पर सहमति से स्वयं के व्यय पर किए गए तबादलों की गणना इस सीमा के लिए नहीं की जाएगी.
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