रायगढ़। छत्तीगढ़ में कोरोना वायरस ने हर तबके पर अपना कहर बरपाया है. इस बीच मौके का फायदा उठाकर बचा-कुचा असर अस्पताल निकाल रहे हैं. कई अस्पताल ऐसे हैं, जो अपने स्वार्थ के लिए कोरोना मरीजों को स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ नहीं देने रहे हैं. इनमें से जिंदल और संजीवनी अस्पताल का नाम शामिल है. ऐसे में रायगढ़ कलेक्टर ने कार्रवाई की है. कलेक्टर भीम सिंह ने जिंदल और संजीवनी अस्पताल पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

जिंदल और संजीवनी हॉस्पिटल पर जुर्माना

सरकार के निर्देशानुसार पंजीकृत निजी कोविड चिकित्सालयों में भर्ती होने वाले कोविड मरीजों को डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना और आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजनांतर्गत नि:शुल्क स्वास्थ्य लाभ प्रदाय किया जाना है, लेकिन जिंदल हॉस्पिटल और संजीवनी नर्सिंग होम रायगढ़ ने शासन के निर्देशों का पालन नहीं किया.

अस्पतालों पर लगा 50-50 हजार रुपये का जुर्माना

कलेक्टर भीम सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लिया. दोनों अस्पतालों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. कलेक्टर ने कोविड प्रबंधन के लिए आयोजित बैठकों में सभी निजी कोविड अस्पताल संचालकों को डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना और आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को इसका लाभ देने के निर्देश दिए थे. लाभ नहीं देने की स्थिति में कार्रवाई की बात कही थी.

इसलिए लगा जुर्माना

बता दें कि बीते दिनों आयोजित बैठक में उन्होंने CMHO को अस्पतालों की जानकारी वेरीफाई करने और जिन अस्पतालों में शासन के निर्देशों के अनुरूप हितग्राहियों को लाभ नहीं दिया जा रहा है, उन पर 50 हजार का जुर्माना लगाने के निर्देश दिए थे. स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में योजना अंतर्गत लाभान्वित मरीजों की जानकारी तैयार की, जिसमें पाया गया कि जिंदल हॉस्पिटल और संजीवनी नर्सिंग होम में निर्देशानुसार पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ नहीं दिया गया, जिसके लिए उन पर यह जुर्माना लगाया गया है.

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