रायपुर। भाजपा नेता रमन सिंह, सरोज पांडेय और अन्य नेताओं ने अपातकाल के संदर्भ में बयान दिया था. बीजेपी नेताओं के बयान का कांग्रेस ने जवाब दिया है. प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आपातकाल देश की तत्कालीन परिस्थितियों के अनुसार उठाया गया संवैधानिक कदम था. संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत तत्कालीन केन्द्र सरकार ने आपाताकल लगाया था. आपातकाल को देश की संसद की मंजूरी के बाद केन्द्रीय मंत्रिमंडल की सलाह पर राष्ट्रपति के द्वारा लगाया गया था.
देश में अघोषित आपातकाल- कांग्रेस
वर्तमान में भाजपा की केन्द्र सरकार तो पूरे देश में अघोषित और संविधानेत्तर आपातकाल लगा कर रखी है. असहमति के स्वर को दबाने के लिये केन्द्रीय जांच एजेंसियों सीबीआई और ईडी का धौंस विपक्ष के नेताओं को दिखाया जाता है. देश की महत्वपूर्ण संवैधानिक संस्थाओं की स्वात्यता को नष्ट कर दिया गया है. स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है कि देश की सर्वोच्च न्यायालय के चार न्यायधीशों को अपनी बात कहने मीडिया और देश की जनता के सामने आना पड़ा. चुनाव आयोग की निष्पक्षता संदिग्ध हो गई. समाचार माध्यमों की स्वतंत्रता लगभग समाप्त की दी गई.
‘समाचार चैनलों पर जबरिया थोपा गया एजेंडा’
मोदी सरकार की मंशा और यशोगान समाचार चैनलों पर जबरिया थोपा गया एजेंडा बन गया है. देश के किसान 8 महिने से अधिक समय से सड़कों पर है, सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं. इससे बड़ा अलोकतांत्रिक कदम और आपातकाल क्या हो सकता है. प्रजातंत्र की सबसे बड़ी पंचायत संसद के उच्च सदन में बिना बहस के पारित करवाए गए कानून को लागू करने की जिद में मोदी सरकार देश की 77 फीसदी आबादी किसानों की आवाज को अनसुनी कर रही है. लोकतांत्रिक आंदोलन के स्वर को दबाया जा रहा.
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि दरअसल समूची भाजपा इस समय खुद मोदी और शाह की तानाशाही के सामने डरी और सहमी हुई है. इसीलिए भाजपा नेताओं को देश की असली हकीकत नहीं दिख रही हैं. छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता बिना मोदी-शाह की सहमति से एक शब्द नहीं बोल सकते. छत्तीसगढ़ के निर्वाचित सांसद छत्तीसगढ़ के जनप्रतिनिधि अपने राज्य की जनता किसानों के हित में एक शब्द बोलने की हिम्मत नहीं रखते. धान की कीमत, राज्य को कोरोना से राहत जैसे मसलों पर छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता कुछ नहीं बोल पाते, उन्हें डर रहता है मोदी-शाह नाराज हो जाएंगे.
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जनता द्वारा चुनी गई सरकारों और जनादेश को धन बल के सहारे, राजभवनों से संविधानेत्तर हस्तक्षेप करवा कर सरकारों को हड़पने की भाजपा और उसकी केन्द्र सरकार के अघोषित आपातकाल के सबसे बड़े उदाहरण है. मध्यप्रदेश, कर्नाटका में कांग्रेस की सरकारों को विधायक खरीद कर हथियाना हो या गोवा, मणीपुर में बड़े दल होने के बावजूद कांग्रेस की सरकारें नहीं बनने देना भाजपा के अलोकतांत्रिक चरित्र को बताते हैं.
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि फर्जी और कूटरचित दस्तावेजों को सोशल मीडिया में दुष्प्रचार करने के प्रमाणिक अपराध के लिए रमन सिंह के खिलाफ दर्ज FIR पर सरोज पांडेय को आपातकाल नजर आता है, लेकिन इलाज, दवाई और ऑक्सीजन की मांग करने वाले सैकड़ों लोगों के खिलाफ उत्तर प्रदेश में दर्ज एफआईआर पर भाजपा की बोलती क्यों बंद है ?. गंगा में हजारों लाशें बहने का खौफनाक मंजर देश के हर गली मुहल्लों से निकलने वाली लाशें क्या किसी आपातकाल से कम थी?
कोरोना महामारी में लोगों की ऑक्सीजन और दवाइयों से हो रही मौतों पर देश की शीर्ष अस्पतालों के द्वारा केन्द्र सरकार को लगातार लगाई गई फटकार उन्हें आपातकाल नहीं लगता. लोग ऑक्सीजन की कमी, दवाईयों की कमी से मरते रहे. पूरी केन्द्र सरकार प्रधानमंत्री बंगाल के चुनाव में बड़ी-बड़ी रैलियां करने में व्यस्त रहे. महामारी में केन्द्र की इस आपराधिक लापरवाही में भाजपा नेताओं को आपातकाल नजर नहीं आया.
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