रायपुर। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी सुधाकर बोदले की अनशन खत्म हो गई है, लेकिन प्रदेश की राजनीति में सियासत जारी है. पक्ष और विपक्ष में जुबानी जंग तेज हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ट्वीट कर राज्य सरकार पर हमला बोला था. रमन सिंह ने कहा था कि सरकार भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी में डूबी हुई है. अधिकारी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठ रहे हैं. अब इस पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने पलटवार किया है. कहा कि घोटाला किंग, ये हरकत काम नहीं आएंगी.

रमन सिंह पर कांग्रेस का पलटवार

इस दौरान छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा कि बीजेपी एक झूठ को प्रचारित करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से षड्यंत्र रच रही है, झूठ परोसना चाह रही है. ये हरकतें काम नहीं आएंगी. घोटाला किंग! सच यह है कि महिला एवं बाल विकास विभाग के बजट में यूनिफार्म क्रय के लिए 8.88 करोड़ रुपए का प्रावधान है.

दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ट्वीट कर कहा था कि @bhupeshbaghel सरकार भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी में इस कदर डूबी हुई है कि अब उसके अधिकारी ही सरकार के खिलाफ अनशन करने मजबूर हैं. @RahulGandhi और @plpunia क्या अब कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठे महिला बाल विकास अधिकारी को न्याय दिलाएंगे. शर्मनाक!

इसी पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने एक ट्वीट किया है, जिसमें लिखा कि समय से पहले कांग्रेस ने कर दिया खेल, भाजपा का सोशल मीडिया अभियान हुआ लीक. कांग्रेस के मुताबिक बीजेपी कुछ हैशटैग के साथ सरकार के खिलाफ गलत प्रचार करने वाली थी, उसके पहले ही पर्दाफाश कर दिया. ऐसा कांग्रेस का कहना है.

इसके अलावा छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने पूर्व सीएम रमन सिंह, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर को ट्वीट कर चुनौती दी है. ट्वीट कर लिखा गया कि कहाँ छिप गए हैं टूलकिट के षड्यंत्रकर्ता? ट्वीट कीजिये.. हम आपका दूसरा पर्दाफाश भी करेंगे फिर.

 

बता दें कि महासमुंद में महिला एवं बाल विकास विभाग में पदस्थ सुधाकर बोदले ने अनियमितता को लेकर अनशन पर बैठने के लिए कलेक्टर से अनुमति मांगी थी. क्योंकि उनकी जांच प्रतिवेदनों पर कार्रवाई नहीं की गई. सुधाकर बोदले ने कलेक्टर को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना वर्ष 2020-2021 में स्तरहीन और घटिया उपहार सामग्री क्रय में हुई गंभीर वित्तीय अनियमितता और रेडी टू ईट वितरण योजना में किए गए भ्रष्टाचार का जांच प्रतिवेदन उच्चाधिकारियों को प्रस्तुत किया था, जिस पर अद्यतन कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. इसके बाद अधिकारी अनशन पर थे. अब कार्रवाई के बाद अनशन खत्म हो गई है, लेकिन सियासत जारी है.

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