रायपुर. प्रदेश में अधिकारी राज हावी है. अधिकारियों द्वारा टेंडर प्रक्रिया में हेराफेरी, स्पॉट निरीक्षण के नाम पर रात में परेशान करना और नोटिस थमाने जैसी घटनाएं आम हो गई हैं. बिना रिश्वत के भुगतान की फाइलें पास नहीं होती. भुगतान के नाम पर महीनों तक ठेकेदारों को परेशान किया जाता है. कुछ ऐसे ही आरोप मंगलवार को छत्तीसगढ़ के ठेकेदारों ने निर्माण एजेंसी के अधिकारियों पर लगाए. मंगलवार को छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रेक्टर एसोसिएशन की बैठक एक निजी होटल में इन में आयोजित की गई.

इस प्रदेश स्तरीय बैठक में ठेकेदारों ने अपनी-अपनी समस्याएं बताई. इस दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेश शुक्ला ने बताया कि ठेकेदारों का भुगतान जबरन रोका जा रहा है. केवल बस्तर संभाग में ही 800 करोड़ रुपये का भुगतान अटका है. ठेकेदारों ने चेताया कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो विकास कार्य पूरी तरह से ठप हो जाएंगे. इसके लिए प्रदेशभर के ठेकेदार एकजुट होकर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और संबंधित मंत्रियों से मुलाकात कर शिकायत करेंगे. अध्यक्ष ने बताया कि स्पॉट इंस्पेक्शन के नाम पर अधिकारी दिन में नहीं बल्कि रात में टॉर्च की रोशनी में मुआयना करते हैं. ठेकेदारों को बुलाया नहीं जाता, उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है.