डिलेश्वर देवांगन, बालोद। जिले में संचालित कोविड आइसोलेशन सेंटर में शुक्रवार को कोरोना मरीजों की शादी की गई. इसमें सेंटर के मरीज ही बाराती और घराती बने. यह विवाह छत्तीसगढ़ी रीति-रिवाज के साथ किया गया. इसके माध्यम से मरीजों को कोरोना के विपरीत हालात में भी हिम्मत बनाए रखने की सीख दी. साथ ही लोगों को मन में डर को हावी नहीं होने का संदेश दिया.

यह सराहनीय प्रयास बालोद जिले में जैन समाज द्वारा संचालित महावीर आईटीआई आइसोलेशन सेंटर में किया गया. यहां हर रोज विशेष आयोजन किया जा रहा है. प्रतिदिन डिस्चार्ज मरीजों का सम्मान किया जा रहा है. अक्षय तृतीया के अवसर पर एक नई पहल की गई. समाज के लोगों ने आइसोलेशन सेंटर में छत्तीसगढ़ी रीति रिवाज के साथ कोरोना मरीजों की शादी की.

दरअसल कोरोना ने धूमधाम से होने वाली शादियों पर ग्रहण लगा दिया. कोरोना काल में होने वाली शादियों के लिए प्रशासन कड़ा रुख अपनाते हुए 10 लोगों को ही शादी में शामिल होने की अनुमति दे रही है.

ऐसे में महज औपचारिकता पूरी कर कई शादियां हो गई, जिसमें से चिरईगोड़ी गांव के कोरोना संक्रमित दंपति भी है. जो अब जैन समाज द्वारा संचालित महावीर आईटीआई आइसोलेशन सेंटर में है. जैन समाज के लोगों ने अक्षय तृतीया के दिन कोरोना मरीजों के मनोरंजन के लिए गुड्डा गुड्डी के विवाह करने का निर्णय लिया.

इसी बीच चिरईगोड़ी के कोरोना संक्रमित दंपत्ति ने अपने विवाह का प्रस्ताव रखा. जिसके बाद आइसोलेशन सेंटर में ही इस दंपति का विवाह छत्तीसगढ़ी रीति रिवाज के अनुसार बड़े ही धूमधाम के साथ कोरोना मरीजों ने किया.

शादी में लगने वाली सभी सामग्रियों की सूची जैन समाज के पदाधिकारियों को मरीजों ने सौंपी, जिसके बाद सभी सामग्रियां कोरोना मरीजों को दे दी गई. शादी में कोरोना मरीज ही बाराती बने थे तो वहीं कोरोना मरीजों ने ही दुल्हन के घरवाले बन कर विदाई दी.

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