फीचर स्टोरी। छत्तीसगढ़ इन दिनों कोरोना संक्रमण की भीषण चुनौतियों से जूझ रहा है. भूपेश सरकार के सामने लोगों को हर मोर्चे पर राहत पहुँचाने की बड़ी जिम्मेदारी है. लेकिन इस जिम्मेदारी के बीच सरकार के सामने कई संकट भी है. इस संकट से निपटने, चुनौतियों से पार पाने ही भूपेश बघेल ने अब व्यापक रणनीति तैयार कर ली है.
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संक्रमण से छत्तीसगढ़ को बचाने, कोरोना मुक्त राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया है. राज्य के मुखिया होने के नाते भूपेश बघेल ने पूरी जिम्मेदारी के साथ मोर्चा संभाला है और लगातार सभी जिलों की समीक्षा कर जमीनी हालात की जानकारी ले रहे हैं.
प्रदेश की गंभीर स्तिथि को देखते हुए मुख्यमंत्री ने अंतिम विकल्प के रूप में लॉकडाउन को चुना. इस चुनाव के पीछे लोगों को घरों में कैद करना या बाजार को पूरी तरह बंद करना नहीं था, बल्कि लोगों का जीवन बचाना था. साथ ही लॉकडाउन अवधि में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार से लेकर अधोसरंचना को दुरस्त करना भी था. आज इसी का परिणाम है कि छत्तीसगढ़ में फिर कोविद सेंटर कम समय में तैयार हो सके हैं. सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था अपेक्षा अनुरूप न सही लेकिन बेहतर हो सके हैं.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस बात को समझते हैं कि संक्रमण का फैलाव जिस स्तर पर उसके मुकाबले अभी संसाधन कम है, लेकिन जो साधन उपलब्ध हैं उससे कैसी व्यवस्था की जा सकती है ? लिहाजा उन्होंने प्रशासन को पूरी तरह एक्टिव करने समीक्षाओं का दौर शुरू किया है.
भूपेश बघेल ने बिना रुके ही एक के बाद एक जिलेवार समीक्षा बैठकें ली. जिले के अधिकारियों और जनप्रतनिधियों के साथ चर्चा की. सामाजिक संगठनों और औद्योगिक घरानों के लोगों से बात की. मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके उन्होंने जिला से लेकर ग्राम पंचायतों तक के प्रतिनिधियों और अधिकारियों से जमीनी हालात की जानकारी ली. नगरीय निकायों के अधिकारियों और प्रतिनिधियों से भी चर्चा की.
दरअसल मुख्यमंत्री की मंशा इन सबके पीछे यही थी कि कहाँ, क्या जरूरत है इसकी जानकारी मिल सके. ताकि उस हिसाब मदद पहुँचाई जा सके.
आइये आपको कुछ बुलेट पाइंट के जरिए बताते हैं कि सरकार ने किस तरह से कोरोना की चुनौतियों से निपटने के दिशा में काम किया है-
- अस्पतालों में मरीजों के सुगमता से इलाज और आगजनी की घटना को रोकने के लिए पुख्ता प्रबंध के निर्देश.
- नगरीय निकायों के हर गली-मोहल्ले में हो नियमित साफ-सफाई और कचरा का निपटान आवश्यक रूप से हो
- मरीजों की सहूलियत के लिए हर ग्राम पंचायत स्तर में ऑक्सीमीटर तथा दवाई की पर्याप्त उपलब्धता के निर्देश
- लोगों को राशन और आवश्यक सामग्रियों की सहजता से हो उपलब्धता.
- पार्षद और एल्डरमैन निधि का उपयोग कोरोना संक्रमण के रोकथाम में करने मिली अनुमति.
- मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों और डेडीकेटेड कोविड अस्पतालों में आईसीयू बिस्तरों की संख्या बढ़ाने सेंट्रल ऑक्सीजन सप्लाई पाइपलाइन की सुविधा वाले स्थानों के चिन्हांकन के निर्देश.
- स्वास्थ्य विभाग ने सभी सीएमएचओ और सिविल सर्जन्स को जारी किया परिपत्र
- छत्तीसगढ़ राज्य में आने वाले यात्रियों के लिए कोविड टेस्ट जांच के संबंध में दिशानिर्देश जारी.
- नोवेल कोरोना वायरस के नये वेरियन्ट के संक्रमण पर नियंत्रण हेतु आवश्यक व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित करने के निर्देश.
- ग्रामीण क्षेत्रों में लक्षण वाले लोगों को कोरोना से बचाव की दवाएं तत्काल उपलब्ध कराएं.
- राशन दुकानों से मुफ्त में मिलेगा मई और जून माह का एकमुश्त खाद्यान्न.
- मुख्यमंत्री ने सभी जिला पंचायत अध्यक्षों से कोरोना संक्रमण के नियंत्रण एवं बचाव के उपायों के संबंध में की चर्चा.
- महापौर एवं पार्षद निधि का हो सकेगा कोरोना नियंत्रण एवं उपचार की व्यवस्था में उपयोग.
- कोरोना जांच के बिना किसी को राज्य की सीमा में प्रवेश की अनुमति नहीं.
- कलेक्टरों को राज्य के चेकपोस्टों, बस स्टेंडों, रेल्वे स्टेशनों में अन्य राज्यों से आने वाले लोगों की टेस्टिंग की व्यवस्था के निर्देश.
- रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति सिर्फ अस्पतालों को ही होगी.
- कोरोना लक्षण वाले लोगों को तत्काल दिए जाएं दवाओं के किट.
- नगर निगमों को उनकी डिमांड के अनुसार इलेक्ट्रिक शवदाह गृह की स्थापना की स्वीकृति देने के निर्देश.
- राजनीतिक दलों एवं स्वयंसेवी-समाजसेवी संस्थाओं और दानदाताओं के सहयोग से जरूरतमंदों के लिए सूखा राशन एवं गर्म भोजन की व्यवस्था सुनश्चित करने के निर्देश.
- प्रदेश के राजकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षा सत्र 2020-21 की सभी परीक्षाएं ऑनलाइन कराई जाएगी.
- कक्षा 10वीं की परीक्षाएं निरस्त और 12वीं की परीक्षाएं स्थगित की.
- छत्तीसगढ़ में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को लगेगा निशुल्क कोरोना वैक्सीन.
- वेंटिलेटर, आईसीयू और ऑक्सीजन बेड की उपलब्धता सुनिश्चित कर पीड़ितों के की बेहतर इलाज का प्रबंध.
- बस्तर संभाग में पिछली बार की भांति कोरोना संक्रमण की दर को शून्य प्रतिशत तक लाने का हो लक्ष्य.
- बाहर से आने वाला हर व्यक्ति के टेस्टिंग के बिना शहर या गांवों में प्रवेश पर मनाही.
- छुट्टी से लौटने वाले सीआरपीएफ और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को टेस्टिंग और क्वारेंटाइन के बाद ही कैम्पों में भेजा जाए.
- खदान क्षेत्रों में बाहर से आने वाले ड्राइवर और क्लीनरों की जांच और मजदूरों से अलग रखने की हो व्यवस्था.
- कोविड की गाइडलाइन का पालन करते हुए मनरेगा और लघु वनोपजों के संग्रहण के काम प्रारंभ किए जाए.
- टेस्टिंग, मरीजों के इलाज, वैक्सीनेशन और कोरोना संक्रमण की रोकथाम पर हो फोकस.
- कोरोना संक्रमितों के कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग का पता कर सघन जांच की हो कार्यवाही.
- बालोद और मुंगेली में आरटीपीसीआर टेस्टिंग लैब की मंजूर.
- जिलों में पॉजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत से नीचे लाने का किया जाए प्रयास
- ग्रामीण क्षेत्रों में क्वॉरेंटाईन सेंटर और आइसोलेशन सेंटर की अलग-अलग की जाए व्यवस्था
58 लाख परिवारों को दो महीने का मुफ्त राशन
मुख्यमंत्री बघेल ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण उपजी विषम परिस्थिति को देखते हुए राज्य के अंत्योदय, गरीब, निराश्रित एवं प्राथमिकता श्रेणी वाले परिवारों को दो माह का चावल निशुल्क दिए जाने का ऐलान किया है. इसका लाभ राज्य के 58 लाख 29 हजार 371 राशन कार्ड धारी परिवारों को मिलेगा.
छत्तीसगढ़ सरकार मई एवं जून माह के कोटे के एवज में 3 लाख 94 हजार 136 मेट्रिक टन चावल का निशुल्क वितरण करेगी. निशुल्क चावल वितरण पर सब्सिडी व्यय का भार प्रदेश सरकार वहन करेगी.
खाद्य विभाग द्वारा मई और जून माह के एकमुश्त नि:शुल्क चावल वितरण को लेकर आज जिलों को ऑनलाइन आवंटन भी जारी कर दिया गया.राज्य में प्राथमिकता श्रेणी के राशन कार्ड धारी परिवारों की संख्या 40 लाख 67 हजार 356 , अंत्योदय के 14 लाख 6 हज़ार 490, अन्नपूर्णा के 6 हजार 86, निराश्रित कार्ड धारियों की संख्या 38 हजार 563 और निशक्तजन कार्ड धारियों की संख्या 10 हजार 876 है. उक्त राशन कार्डधारियों को मई एवं जून माह के कोटे का चावल राशन दुकानों से मई माह में निशुल्क प्रदाय किया जाएगा.
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