प्रदीप गुप्ता, कवर्धा। ब्लॉक के ग्राम लिमो में कोरोना संक्रमण से एक कोरोना वारियर्स नर्स की मौत हो गई. मौत के बाद पूरा गांव सदमे में है. नर्स की पोस्टिंग मुंगेली जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खैरवार खुर्द में थी. गर्भावस्था के दौरान ग्राम कापादाह में किराए के कमरे में अकेली रहती थी. वहीं से हॉस्पिटल आना-जाना करती थी.

मिली जानकारी के मुताबिक, नर्स प्रभा पति भेषकुमार बंजारे 9 माह से गर्भवती अवस्था में कोविड में ड्यूटी करती रही. 30 अप्रैल को प्रसव पीड़ा होने पर उसे कवर्धा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां सिजेरियन ऑपरेशन से एक बच्ची को जन्म दिया. हॉस्पिटल में रहते हुए उसे कई बार बुखार आया. डिस्चार्ज होने पर जब वह घर पहुंची थी, बुखार के साथ खांसी शुरु हो गई. एंटीजन टेस्ट में रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उसे कवर्धा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. ऑक्सीजन लेवल कम होने पर उसे रायपुर रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान 21 मई की रात कोरोना वारियर्स नर्स की मौत हो गई.

मृतक की पति भेष बंजारे ने सरकार से गुहार लगाई है. नवजात बच्ची की पढ़ाई एवं पालन पोषण के लिए राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद देने का जो वादा किया है वो पूर्ण करे ताकि बच्ची की भविष्य बन जाए.

गर्भावस्था में पूरे 9 महीने की ड्यूटी

पति भेष कुमार बताते हैं कि प्रभा जब 3 महीने के गर्भ से थी, तभी उसे कहा था कि छुट्‌टी ले लो. गर्भावस्था में हॉस्पिटल में ड्यूटी करना और अस्पताल अप-डाउन करने में दिक्कत होगी. इस पर प्रभा ने जवाब दिया कि छुट्‌टी लेकर कमरे में बैठी क्या करूंगी. इससे अच्छा ड्यूटी कर लोगों की मदद करूंगी. और वह गर्भावस्था में भी पूरे 9 महीने तक अस्पताल में ड्यूटी करती रही. जब प्रसव पीड़ा हुई और नॉर्मल डिलीवरी नहीं हो पा रही थी, तब उसे सिजेरियन प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था.

एक साल पहले हुई थी शादी

दिवंगत प्रभा बंजारे का मायका सांकरा, धरसींवा (रायपुर) में है. जून 2020 में यानी एक साल पहले लॉकडाउन के दौरान उसकी शादी ग्राम लिमो (कवर्धा) के रहने वाले भेषकुमार के साथ हुई थी. दोनों का विवाह हुआ था. पति भेषकुमार ने बताया कि बच्ची का अभी नामकरण संस्कार नहीं हुआ है. प्रभा को युक्ति नाम पसंद था.

विभाग से हरसंभव मदद का आश्वासन

इस पूरे मामले पर मुंगेली सीएमएचओ डॉ एमडी तेंदवे का कहना है कि दिवंगत नर्स के परिजनों को सरकारी स्तर पर जो भी प्रावधान है वो हरसंभव मदद किया जाएगा. चाहे वह बीमा की राशि (50 लाख) हो या फिर अनुकंपा नियुक्ति से सम्बंधित जो भी सेवा शर्त में लागू है. उसका लाभ दिलाने हम लोग विभागीय स्तर पर प्रयासरत है.

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