पुरूषोत्तम पात्रा, गरियाबंद। देवकी के कमर के निचला हिस्सा काम करना बंद कर दिया है. दिमागी हालात भी थोड़ा ठीक नहीं है. फिर भी देवकी मां के निधन के बाद बीमार पिता की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ती है. पड़ोसी व पंच पेट भरने में मदद तो कर देते हैं पर स्वास्थ्य सुविधा के लिए अब तक किसी ने पहल नहीं की है. दो महीने का राशन व पेंशन भी नहीं मिला है.

देवभोग के फोकटपारा में रहने वाली 20 साल की देबकी हंसने खेलने के उम्र में परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट गया है. साल 2020 के अप्रैल में मजदूरी कर घर को चलाने वाले पिता अभिराम बीमार पड़े, घर का भार माता बेदमती पर आ गई. सरकारी राशन, पिता को मिलने वाले 350 रुपए पेंशन व मां बेटी के मजदूरी के भरोसे किसी तरह दिन गुजर रहा था. जुलाई 2020 में अचान मां चल बसी. मां की मौत के एक माह पहले ही देबकी कि दिमागी हालत थोड़ा बिगड़ने लगा था. नवम्बर 2020 में पांव में जलन शुरू हुई व देखते देखते दिसम्बर माह में दोनों पैर जवाब दे गया. बेटी देवकी के कमर के निचले भाग का हिस्सा काम करना बंद कर दिया.

बेटी पर बीमार बाप के देखभाल का जिम्मा था, इसका उसे हमेशा अहसास है, दर्द भरे पैरों का बोझ लेकर घसीटते हुए चलती है, और दोनों वक़्त का खाना बनाकर पिता को नहलाने से लेकर सारा जतन करती है. यह दर्द भरी कहानी बताते वक़्त बेटी के आंखों में आंसू छलक जाता है. वार्ड के पंच कुछ पड़ोसी है जो घर में पानी भर दिया करते हैं. सरपंच रेवती प्रधान या पंच पारस प्रधान जरूरत की सामग्री देते है. सप्ताह भर पहले कुछ समाजसेवी को पता चला तो राशन,कपड़ा व अन्य जरूरी सामान घरों तक पहूचा दिए ताकि भूखे रहने की नौबत न आए.

चल नहीं पाते, शौच जाने की दिक्कत

6 बाई 8 के पुराने छोटे कमरे में रहना हो रहा है. घर के पीछे बाड़ी में सरकारी शौचालय भी मौजूद है, पर दोनों वहां तक नहीं जा पाते. घर के बगल में किसी तरह निकल कर दैनिक क्रिया को पूरी करने मजबूर है. पड़ोस से किसी की मदद मिल गई तो टूटे खाट को घर के मुख्य द्वार के आगे आड़ कर बाथरूम बना लेती है.

7 माह का पेंशन 2 माह का राशन नहीं लिया

7 माह पहले तक जब वह चल फिर पा रही थी तो बैंक तक जाकर पिता के खाते से पेंशन ले आती थी, लेकिन विगत 7 माह से खाते से पैसे नहीं निकला है. 2500 रुपए खाता में मौजूद है, मई व जून माह का राशन भी नहीं ला सकी है. उसके पहले का राशन पारस प्रधान की मदद से घर तक पहुंच गया था.

स्वास्थ्य सुविधा है जरूरी

जिस दशा में पिता व पुत्री मौजूद है. ऐसे समय में उन्हें स्वास्थ्य सुविधा की जरूरत है. परिवार में कोई दूसरे सदस्य नहीं है. गरीबी ऐसी की दो वक्त का गुजारा मदद से चल रहा है. ऐसे में बीमार देवकी को इलाज के लिए सरकारी मदद की आवश्यकता है.

बीएमओ अंजू सोनवानी ने कहा कि टीम भेज कर उन्हें प्रथमिक जांच कराई जाएगी. जितना यहां सम्भव है उतना उपचार कराया जाएगा. बाकी के उपचार के लिए हायर सेंटर भेजेंगे.

जनपद सीईओ एम एल मंडावी ने कहा कि पूरी पड़ताल कर सरकारी सभी मदद पहुंचाई जाएगी.

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