रायपुर. स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल कॉलेज के ओपीडी के समय में बदलाव किया है. जिसे लेकर अब विरोध के स्वर उठने लगे हैं. IMA, हॉस्पिटल बोर्ड, एवं कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉक्टर राकेश गुप्ता ने OPD के समय परिवर्तन के लिया गया फैसला स्वागत योग्य है. लेकिन इतने कम संसाधन, मैनपावर की कमी में इसको लागू करना संभव नहीं दिख रहा है. व्यवस्था को नीचे स्तर से सुधारने की जरूरत है, जो डॉक्टरों की कमी, नर्स की कमी, वॉर्ड बॉय की कमी तमाम तरह के स्टॉप की कमी के साथ दवाइयों और यंत्रों की कमी को दुरुस्त करने की जरूरत है. डॉक्टर रहेंगे दवाई नहीं होगी, व्यवस्थाएं नहीं होगी तो मरीज़ों को क्या लाभ मिलेगा ?

वहीं इस मुद्दे को लेकर आज प्रदेश मेडिकल टीचर एसोसिएशन की बैठक हुई यह बैठक में फ़ैसला लिया गया है कि पुराने समय में लागू OPD के समय में ही आगे काम किया जाएगा, तमाम कमियों के बीच के रोस्टर सिस्टम में काम करना संभव नहीं है.

मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर नेरल ने कहा आज की बैठक में सर्वसम्मति से फ़ैसला लिया गया है जो OPD टाइम फ़ैसले से निर्धारित है उसी में काम किया जाएगा, सुबह साढ़े आठ से ढाई बजे तक शाम छह बजे से 8 बजे तक क्लीनिकल टीचिंग कराया जाएगा. इसी मांग को लेकर स्वास्थ्य सचिव को सोमवार को ज्ञापन सौंपा जाएगा.

मेडिकल कॉलेज जहां सिर्फ़ इलाज करना नहीं होता यहां पढ़ाई भी करानी होती है, रायपुर मेडिकल कॉलेज को दिया जाए तो यहां 900 MBBS और 400 पीजी के स्टूडेंट हैं. इनको पढ़ना इसका परीक्षा का आयोजन करना, शोध कार्य किया जाता है, वहीं हम बात करें सीनियर रेजीडेंस की तो चौसठ प्रतिशत कमी है. नर्स की बात करें तो 60 प्रतिशत कमी है. ऐसे में कैसे रोस्टार के हिसाब से संभव होगा. अगर बात ड्यूटी समय में डॉक्टरों की नदारद की है तो इसके लिए पंचिंग सिस्टम की व्यवस्था कड़ाई से कराई जा रही है, जिससे पता चल जाएगा कि कौन ड्यूटी के समय में लापरवाही बरत रहा है. उस पर कार्रवाई की जाएगी.