प्रमोद निर्मल, मोहला-मानपुर। सरकारी सिस्टम विकास के लाख बड़े दावे कर लें लेकिन धरातल में उनके दावे फिसड्डी साबित हो रहे हैं. एक ऐसा ही मामला छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य इलाके मानपुर जिले से आया है. यहां गांव के लोग बिजली की समस्या से परेशान. ग्रामीणों के घर तक बिजली नहीं पहुंच सकी है. जिससे नाराज ग्रामीणों ने फैसल लिया है कि बिजली नहीं पहुंचेगी तो हम चुनाव बहिष्कार करेंगे.

कोराचा ग्राम पंचायत अंतर्गत ग्राम पुगदा में बिजली की समस्या से हलाकान ग्रामीणों ने आगामी चुनावों का बहिष्कार का ऐलान करने का फैसला लिया है. उनका कहना है कि जब तक क्षेत्र में बिजली नहीं आएगी वे चुनावों में मतदान करने नहीं जाएंगे. प्रशासन और जन प्रतिनिधियों की उदासीनता से हलाकान हो चुके ग्रामीणों ने अपनी व्यथा लल्लूराम.कॉम को बताई.

ग्रामीणों के मुताबिक, पुगदा समेत आस-पास के गांवों में आजादी के बाद से अब तक बिजली नहीं पहुंची है. वर्षों पहले से यहां लगे शोलर सिस्टम लाइटें टूटफूट गए हैं अब उपयोग लायक नहीं है. ग्रामीणों की घनघोर जंगल के बीच अंधेरे में बमुश्किल जिंदगी कट रही है. स्कूली बच्चें जहरीले धुएं झेलते चूल्हे, चिमनी की हल्की रोशनी में पढ़ने को मजबूर है. बिजली के अभाव से बच्चों का भविष्य दांव पर है.

ग्रामीणों का कहना है वे हर बार चुनावों में वोट देते हैं लेकिन कई आवेदन-निवेदन के बाद भी सरकार हमे एक बिजली तक नहीं दे पा रही है. इसलिए वे अब तभी मतदान में करेंगे, जब उन्हें बिजली मिलेगी. इस इलाके में पुगदा, गट्टेगहन, संबलपुर, बुकमरका, गांव में आजादी के बाद से बिजली नहीं पहुंच सकी है.

बता दें कि ये इलाका सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी का गढ़ है जहां हर चुनाव में कांग्रेस को ग्रामीणों ने बढ़चढ़ कर वोट दिया है. मौजूदा विधायक-संसदीय सचिव भी कांग्रेस के हैं. बावजूद इसके चुनाव बहिष्कार की नौबत कांग्रेस के नुकसान की ओर इशारा कर रहे हैं.

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