दुर्ग। छत्तीसगढ़ बीजेपी में भी इन दिनों बीजेपी कार्यकर्ता और नेता उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं. हाल ही में एक जिला महामंत्री ने बीजेपी के बड़े पदाधिकारियों की उपेक्षा से हताश होकर इस्तीफा सौंप दिया है. पाटन जनपद सदस्य बबलू खिलेश मारकंडे ने अपने इस्तीफे में जिक्र किया कि जब सांसद विजय बघेल ने गुहार नहीं सुनी तो हताश होकर इस्पीफा सौंपा दिया.

बबलू खिलेश मारकंडे ने आरोप लगाया कि दुर्ग सांसद विजय बघेल को कई मर्तबा उपेक्षा को लेकर जानकारी दी गई, लेकिन उन्होंने भी नहीं सुनी. मंडल अध्यक्ष खेमलाल साहू लगातार उनसे उपेक्षा करते रहे, जिसके बाद बबलू खिलेश मारकंडे ने भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.

प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा

मारकंडे ने आरोप लगाया कि पाटन मध्य मंडल क्षेत्र के सभी गांव में भाजपा कार्यक्रमों में लगातार उनसे उपेक्षा की जा रही थी. साथ ही उनके जनपद क्षेत्र के कई कार्यक्रमों में अतिथि बनाना तो दूर की बात कार्यक्रमों की सूचना तक नहीं दी जाती थी. इस कारण बहुत हताश होकर भारतीय जनता पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.

विजय बघेल को कई बार दी गई जानकारी

मारकंडे ने आरोप लगाया कि दुर्ग सांसद विजय बघेल को इस बारे में कई बार जानकारी दी गई. इसके बाद वे उपेक्षा का शिकार होते रहे. उनको कार्यक्रमों में सूचना नहीं दिया जा रहा था, जिससे वे अनुसुचित जाति मोर्चा के जिला महामंत्री और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.

खदान और क्रेशर संचालकों का लिया जा रहा पक्ष

ग्राम के जनहित के मुद्दों को भी समाचार और सोशल मीडिया पर उठाने और विपक्ष की भूमिका निभाने की बजाय खदान और क्रेशर संचालकों का पक्ष लिया जा रहा है. इस जनहित के मुद्दे को नहीं उठाने से गरीबों के घर खराब हो रहे हैं. मंडल अध्यक्ष की लगातार उपेक्षा से इस्तीफा दे रहा हूं. जनहित के मुद्दों को मैं हमेशा उठाने का प्रयास करता रहूंगा.

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