रायपुर। भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कोरोना की भयावह स्थिति को देखते हुए कहा कि कोरोना नियंत्रण के लिए अखिल भारतीय सेवा के आईएएस, आईपीएस, आईएफएस व अन्य सभी वरिष्ठ अधिकारियों को व मंत्रालय, सचिवालय, डायरेक्टर को कोरोना नियंत्रण और देखरेख (माॅनिटरिंग) में लगाने के लिए मुख्यमंत्री से आग्रह किया है.
अग्रवाल ने कहा कि निजी व शासकीय अस्पतालों में भी 75 प्रतिशत बिस्तर की व्यवस्था कोविड मरीज के लिए और 25 प्रतिशत सामान्य गंभीर मरीजों के लिए आरक्षित किया जाए. अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था करें और सभी हॉस्पिटल व जिलों में कोरोना के लिए जीवन रक्षक इंजेक्शन रेमडेसिवीर उपलब्ध करवाए. आरटीपीसीआर, इंटीजन व रेपिड टेस्ट की रिपोर्ट भी तुरंत उपलब्ध करवाए. पीड़ित व्यक्ति रिपोर्ट के इंतजार में घुमघुमकर कोविड का वाहक न बने. जिससे संक्रमित मरीजों का ईलाज तुरंत प्रारंभ हो सके. रिपोर्ट 4-5 दिन लेट आने के कारण मरीज गंभीर स्थिति पहुंच रहा है और आक्सीजन एवं वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ने पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है.
अग्रवाल ने कहा कि आईएएस, आईपीएस, आईएफएस व अन्य अधिकारियों को भी कोविड की व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए काम मे लगाए जाने की आवश्यकता प्रतीत हो रहा है, क्योंकि वर्तमान में व्यवस्थाओं की देखरेख करने के लिए अधिकारियों की कमी के कारण व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. पूरे छत्तीसगढ़ में भय का वातावरण निर्मित हो रहा है. व्यवस्था में लगे हुए स्वास्थ्य विभाग व अन्य विभागों के कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए भोजन-पानी और अन्य सामाग्रियों की व्यवस्था पर्याप्त मात्रा में नहीं होने के कारण वे पूरी क्षमता से कार्य नहीं कर पा रहे हैं.
होम आईसोलेशन के मरीजों को भी पर्याप्त मार्गदर्शन व दवाईयों की व्यवस्था नहीं होने कारण गंभीर स्थिति वाले मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने हेतु एंबुलेन्स एवं वाहनों की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. इसके लिए सरकारी वाहनों व निजी वाहनों को किराए पर लेकर एंबुलेन्स के रूप में उन वाहनों का उपयोग किये जाने के निर्देश दिया जाना उचित होगा.
कोविड से मृत्यु होने वाले शवो का 3-4 दिनों तक अंतिम संस्कार और पर्याप्त सम्मान नहीं मिलने के कारण परिवार के सदस्यों में नाराजगी व आक्रोश व्याप्त हो रहा है. इसके लिए भी पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश देवे. आवश्यक हो तो शहर के आउटर में बड़े-बड़े मैदानों खाली जगहों को घेरकर और सामाजिक संस्थाओं का सहयोग लेकर अस्थाई अत्येंष्ठी स्थल बनाए जाने की भी आवश्यकता प्रतीत हो रहा है.
यह समय राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का नहीं है. हम सब मिलकर जनता के दुख व तकलीफ को दूर करने के लिए एकजुटता के साथ में काम करें. यह ज्यादा आवश्यक है. सभी समाजसेवी संस्थाए व सेवाभावी लोगों से इस बात का आग्रह किया है कि संकट की इस घड़ी मे सेवा करने सामने आए. हम हर प्रकार के व्यवस्था में सहयोग करने के लिए तैयार है.