पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। भूपेश सरकार कर्मचरियों की नब्ज को पकड़ते हुए अपने बजट अभिभाषण में पुराने पेंशन स्कीम की बहाली की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री की यह घोषणा कर्मचारी एवं अधिकारियों के लिए होली और दिवाली जैसी खुशियां लेकर आई है. कर्मचारी संघों ने पटाखे जलाकर, एक-दूसरे को गुलाल में रंगकर और मिठाई खिलाकर अपनी खुशियां जाहिर की हैं. वहीं गरियाबंद के शिक्षक सूरज राव महाडिक ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति अपनी भावनाओं को कैनवास पर उकेरा है.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य का बजट पेश करते हुए विधानसभा के पटल से कहा कि वर्ष 2022-23 के बजट में एक जनवरी 2004 और इसके बाद छत्तीसगढ़ में नियुक्त सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना (एनपीएस) के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू की गई है. इस घोषणा से सर्वाधिक खुशी 2004 के बाद सेवा में आये अधिकारी-कर्मचारी में है, जिसे वे सोशल मीडिया में व्यक्त कर रहे हैं.
कर्मचारी संगठन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पेंशन पुरुष और न्याय पुरुष जैसी उपमा से नवाज रहे हैं. कर्मचारी नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करके कर्मचारियों को बुढ़ापे की लाठी दे दी है. इसी भावना को शिक्षक सूरज राव महाडिक ने अपने पोस्टर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पेंशन बहाली की तख्ती लिए हुए है, वहीं साथ में खड़ा कर्मचारी ‘बुढ़ापे का सहारा तिंही बनेस कका’ कहकर अपना उद्गार व्यक्त कर रहा है.
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बता दें कि सरकारी नौकरियों के प्रति आकर्षण का एक बड़ा कारण सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली ताउम्र मासिक पेंशन है. 2004 के बाद शासकीय सेवा में आने वाले कर्मचारी-अधिकारी को इस पेंशन से वंचित होना पड़ा, जिसके चलते शासकीय सेवकों में रिटायरमेंट के बाद कैसे जीवनयापन होगा इस बात का भय व्याप्त होने लगा था. इस बीच जहां कहीं भी वीआरएस की स्कीम आई और कर्मचारियों ने बैंक ब्याज दर, चिटफंड कंपनी, शेयर मार्केट और अन्य निवेश में नुकसान उठाए.
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