योगेश सिंह, रायपुर. छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के किसान एक्सपायरी बीज से खराब हुई फसलों के मुआवजे को लेकर परेशान हैं. किसानों का कहना है कि उन्होंने प्रत्येक एकड़ पर 80-90 हजार रुपए खर्च किए, लेकिन जांच और प्रक्रिया के बाद उन्हें केवल 50 हजार रुपए का मुआवजा दिया गया, जो उनके मुताबिक घाटे का सौदा है. वहीं मामले में जांच अधिकारियों और बीज कंपनी के दुकानदार के बीच सांठगांठ के आरोप भी सामने आए हैं.

दरअसल, पूरा मामला बेमेतरा जिला के ग्राम कंदई ,सेमरिया, पदुमसरा सहित आसपास ग्रामीण अंचलों का है. यहां 20-25 किसानों ने फूल गोभी बोने के लिए लीलाधर राठी खाद्य दुकान से लिया था, जो बाद में एक्सपायरी निकली. किसानों को लाखों का घाटा सहना पड़ा. किसानों ने कंपनी पर कार्रवाई और मुआवजा की मांग की. इसके बाद प्रति एकड़ 50 हजार रुपए की मुआवजा राशि दी गई, लेकिन वह कम मुआवजे से लेकर नाराजगी जताई.

जांच अधिकारी का कहना है कि हम लगातार कंपनी के मैनेजर और दुकानदार को किसानों के साथ बैठक कर मामले का सुलझाने का प्रयास किया है.
किसानों ने पूरे मामले में अधिकारी और कंपनी दुकानदार की मिली भगत का आरोप लगाया है. उन्हें महज प्रति एकड़ 50 हजार रुपए की राशि मजा देने की बात कह रहे हैं. लेकिन प्रत्येक एकड़ में लगभग 80 से 90 हजार रुपया खर्च किया है. 20 से 25 किसानों ने लगभग 60 से 70 एकड़ में फूल गोभी की खेती की थी. ऐसी स्थिति में यह घाटे का सौदा होगा. किसानों का कहना है कि उन्हें मुआवजा राशि मंजूर नहीं है. न्याय और उचित मुआवजा मिलना चाहिए.
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