रायपुर. परिवहन विभाग अंतर्गत दिव्यांगों के लिए लाइसेंस के लिए मोटर यान अधिनियम के अंतर्गत प्रावधान है. लेकिन जानकारी के अभाव और प्रकिया के जटिलता के कारण दिव्यांग के द्वारा एडाप्टिव ड्राइविंग लाइसेन्स की संख्या राज्य में काफी कम है.

दिव्यांगों के लिए इलेक्ट्रिक वाहन/ तिपहिया वाहन/कार में वृद्धि हो रही है. शासन के नितियों के तहत उन्हें विभिन्न सुविधाएं भी दी जा रही है. इसलिए ऐसे में उन्हें सुरक्षित चालन के लिए प्रेरित करने के लिए लाइसेंस जारी किया जाना आवश्यक था. ताकि भविष्य में उन्हें किसी तकनीकी या विधिक कारण से वाहन चलाने में कोई समस्या का सामना ना करना पड़े और वे निश्चिंत हो कर अपने सुविधा अनुसार गाड़ी चला सके.

दिव्यांगजनों को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने और तत्पसचात ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने में होने वाले कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए आरटीओ रायपुर ने विगत 17 सितंबर को एक विशेष समिति का गठन किया गया. समिति के द्वारा सप्ताह में एक दिन बुधवार का दिन दिव्यांगों के लिए निर्धारित कर लाइसेंस के लिए प्रक्रिया को सुविधा जनक बनाया गया है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग से भी सहयोग के लिए पत्र लिखा. इस समिति में तीन सदस्य है. इसके बाद शुरुआति सप्ताह में 6 लोगों के आवेदन आए और इस प्रकार छत्तीसगढ़ में एडॉप्टिव लाइसेंस की प्रक्रिया के सरलीकरण का कार्य पायलट के तौप पर सफलता पूर्वक प्रारंभ हुआ. जिसके तहत 6 लोगों को एडाप्टिव ड्राइविंग लाइसेंस जारी हुआ. प्रक्रिया के सरलीकरण होने से अल्प समय में लाइसेंस जारी किए जा सके.