रसूखदार आरोपी तक पहुंचने में पुलिस को लगे चार साल, दो साल तक केस चलने के बाद अदालत ने सुनाया फैसला

रायगढ़। छह साल पुराने बहुचर्चित मां-बेटी के दोहरे हत्याकांड मामले में अदालत ने आरोपी बृजराजनगर, ओडिशा के पूर्व विधायक अनूप साय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही साक्ष्य छुपाने पर 7 साल की सजा दी है.

मामला 7 मई 2016 को ग्राम संबलपुरी थाना चक्रधरनगर निवासी कमलेश गुप्ता ने थाना में हमीरपुर मार्ग पर मां शाकंम्बरी प्लांट के रास्ते पर एक महिला और एक बालिका का शव पड़े होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की, जिसमें घटनास्थल के आसपास के ग्रामों में पूछताछ, सीसीटीवी फुटेज, कई मोबाइल टावर के डाटा का एनालिसिस किया गया.

पुलिस की जांच में मृतिका की पहचान कल्पना दास पिता रूदाक्ष दास और लड़की की पहचान उसकी बेटी बबली श्रीवास्तव के रूप में की थी. मृतिका के मोबाइल का काल डिटेल निकालने के बाद बृजराजनगर, ओडिशा से बीजू जनता दल के पूर्व विधायक अनूप कुमार साय को गिरफ्तार किया था.

आरोपी ने घटना को कबूल करते हुए बताया कि सन् 2004-05 में कल्पना दास को पति द्वारा छोड़े जाने के बाद उसके पिता उसे लेकर मेरे पास लेकर आए थे. कल्पना और उसके बीच प्रेम संबंध होने के बाद सन् 2011 में उसे भुवनेश्वर स्थित पत्नी के नाम बने मकान में रखता था. इस दौरान कल्पना शादी करने और मकान को अपने नाम पर करने तथा पैसा मांग कर ब्लैकमेलिंग कर रही थी.

ब्लैकमेलिंग से तंग आकर लिया बड़ा फैसला

अनूप कुमार ने बताया कि ब्लैकमेलिंग से तंग आकर कल्पना और उसकी लड़की बबली को ठिकाना लगाने की योजना बनाई. इसके लिये 5 मई 2016 की रात दोनों मां-बेटी को भुनेश्वर से झारसुगुड़ा भेजा और स्वयं निजी वाहन से पीछे-पीछे झाड़सुगुड़ा रवाना हो गया. झारसुगडा के एक होटल में कल्पना एवं बबली को रूकवाने के बाद दूसरे दिन रायगढ़ में शादी करने का झांसा देकर अपने ड्राइवर के साथ गाड़ी में लेकर निकल गया.

पहले राड मारा फिर ड्राइवर से गाड़ी से कुचला

रायगढ़ में होटल नहीं मिलने पर हमीरपुर में अपने रिश्तेदार के यहां रुकवाने की बात कहते हुए आरोपी ने मां-बेटी को हमीरपुर मार्ग पर मां शाकम्बरी प्लांट जाने के रास्ते पर उतार कर लोहे के राड से दोनों के सिर में वार कर हत्या कर दी. लाश को कच्ची सड़क पर फेंककर हत्या का सबूत छिपाने ड्राइवर बर्मन टोप्पो ने गाड़ी लाश के ऊपर कई बार चढ़ाकर वहीं छोड़कर वापस ओडिसा वापस लौट गए थे.