अमित पांडेय, खैरागढ़. जिले के गंडई अस्पताल में छत से पंखा अचानक गिर गया. इस हादसे से महिला गंभीर रूप से घायल हुई है. ⁠घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर मौजूद डॉक्टर ने तुरंत महिला का इलाज शुरू किया. पूरा मामला ⁠खैरागढ़ जिले के गंडई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है.

घायल महिला 45 वर्षीय चंदा बाई देवांगन ग्राम कोगिया कला की रहने वाली है. वह अपनी बेटी की डिलीवरी के लिए अस्पताल आई थी और पोते की पेट का सेकाई कर रही थी. जैसे ही वह पंखे के नीचे बैठीं, पंखा सीधे उनके सिर पर आ गिरा, जिससे महिला गंभीर रूप से घायल हो गई. घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने महिला का उपचार किया. महिला के सिर पर तीन टांके लगे हैं. महिला फिलहाल खतरे से बाहर बताई जा रही है.

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, पंखा तेज रफ्तार में था, जो अचानक गिरा और महिला के सिर के पीछे हिस्से में आकर टकराया, जिससे महिला मौके पर ही अचेत हो गई. शुक्र है कि उनका पोता सुरक्षित रहा. गंडई अस्पताल में यह पहला मामला नहीं है जब अव्यवस्थाएं सामने आई है. कभी दवाओं की कमी, कभी डॉक्टरों की गैरमौजूदगी और अब छत से गिरता पंखा यह सब दर्शाता है कि मरीजों की जान की कीमत यहां एक पुराने पुर्जे से भी कम समझी जाती है. क्या अस्पताल प्रबंधन को ये नहीं दिखता कि पंखे कबाड़ हो चुके हैं? क्या सालाना निरीक्षण केवल कागजों में होता है? इस हादसे ने साफ कर दिया कि यहां स्वास्थ्य सेवाओं से ज्यादा भरोसा किस्मत पर करना पड़ता है.

प्रशासन मौन, जिम्मेदार कौन?

हादसे के बाद अस्पताल प्रबंधन ने आनन-फानन में महिला का इलाज शुरू किया और बताया कि अब वह खतरे से बाहर है, लेकिन न कोई जांच समिति बनी न किसी जिम्मेदार अधिकारी का बयान आया. इस घटना ने साबित कर दिया है कि सरकार भले ही सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल जैसे सपने दिखा रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत गंडई जैसे कस्बों में किसी पुराने भवन की छत से गिरते पंखे से ज्यादा मजबूत नहीं है.